Apple: पिछले दिनों केंद्र सरकार ने भारत में लैपटॉप के आयात पर रोक लगाने का फैसला लिया था. यह फैसला नवंबर माह की पहली तारीख से लागू हो रहा है. अब एक नवंबर से किसी अन्य देश से भारत में लैपटॉप आयात करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी होगी. सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए ऐसा निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि लैपटॉप के इंपोर्ट पर बैन लगाने के बाद देश में लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग के सेक्टर में तेजी आएगी. हालांकि, एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने इस मामले में रोड़ा बन रही हैं.
सरकार लाई है PLI स्कीम
केंद्र सरकार ने देश में लैपटॉप के मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है. सरकार ने लैपटॉप बनाने वाली कंपनियों के पीएलआई स्कीम का ऐलान किया है. इसमें अगर कंपनियां भारत में लैपटॉप की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं, तो सरकार ऐसी कंपनियों की कुछ छूट देती है. इसके लिए आवेदन करने के की अंतिम तिथि 31 अगस्त थी. लेकिन सैमसंग और एप्पल जैसी कंपनियों ने पीएलआई स्कीम के लिए आवेदन नहीं किया है.
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सैमसंग और एप्पल की कीमतों में हो सकता है इजाफा
एप्पल और सैमसंग के सरकार के पीएलआई स्कीम में हिस्सा नहीं लेने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि यह दोनो दिग्गज कंपनियां भारत में लैपटॉप निर्माण के लिए तैयार नहीं हैं. वहीं, 1 नवंबर 2023 के बाद यह कंपनियां भारत में अपने लैपटॉप का आयात नहीं कर पाएंगी. ऐसे में संभव है कि सैमसंग और एप्पल के लैपटॉप की कीमतों में इजाफा देखने को मिले.
Apple यूजर्स को लग सकता है तगड़ा झटका
एप्पल अपने स्मार्टफोन आईफोन की बात मैन्युफैक्चरिंग भारत में करता है. लेकिन अपने लैपटॉप आईमैक को चीन या वियतनाम जैसे देशों से आयात करता है. ऐसे में भारत में लैपटॉप के आयात के बैन होने के बाद इसका सीधा असर एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों पर पड़ेगा. आपको बता दें कि एप्पल यूजर्स आईमैक और मैकबुक का इंतजार कर रहे थे. 12 सितम्बर को इनकी लांचिंग होने वाली है. वहीं,1 अक्टूबर से इनकी बिक्री शुरू हो सकती है. ऐसे में भारत में आयात बैन होने के बाद एप्पल यूजर्स को तगड़ा झटका लग सकता है.
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