आज हर कोई कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी तय करना चाहता है. कुछ लोग अपने निजी वाहन से तो कुछ लोग ट्रेनों से वहीं कुछ लोग हवाई जहाज से सफर करते हैं. जो लोग अपने निजी साधन से सफर करते हैं वह कहीं भी रख कर खा पी सकते हैं. ट्रेन से सफर करने वाले लोग भी ट्रेन में बैठकर आसानी से खा सकते हैं. लेकिन ट्रेन और हवाई जहाज को चलाने वाले पायलट (pilot) को हमेशा अलग-अलग रेस्टोरेंट से खाना दिया जाता है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि पायलट एक ही फ्लाइट का उड़ान करते हैं तो इन्हें अलग-अलग खाना क्यों दिया जाता है?
दोनों पायलट को एक ही खाना नहीं दिया जाता
इस बात को सभी जानते होंगे कि एक हवाई जहाज को उड़ान भरने के लिए दो पायलट की जरूरत होती हैं. जिसमें एक प्लेन का पायलट (pilot) और दूसरा को-पायलट होता है. यह बात सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा हो लेकिन दोनों पायलट को यात्रियों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग खाना भेजा जाता है. दरअसल ऐसा इसलिए किया जाता है अगर खाने को लेकर पायलट की तबीयत खराब होती है या बीमार होते हैं तो एक पायलट जरूर स्वस्थ रहे. ताकि वह plain में बैठे यात्रियों सहित हवाई जहाज को सुरक्षित लैंड करवा सके.
इस बात का रखा जाता है खास ख्याल
बता दें कि, प्लेन के पायलट (pilot) और को पायलट को इसीलिए खाना अलग दिया जाता है. क्योंकि कोई शर्त बस या फिर गड़बड़ी के कारण खाना या जहरीला पदार्थ उन तक पहुंच जाता है. तो वह उसका सेवन कर प्लेन का उड़ान भर लेते हैं, ऐसी स्थिति में अगर ऊपर जाकर अचानक उन्हें उनकी तबीयत में कोई गड़बड़ी आ सकती है. जिसकी वजह से प्लेन में बैठे यात्रियों की जान का खतरा हो सकता है. इसीलिए ऐसा किया जाता है. अगर कभी ऐसा होता भी है तो प्लेन के पायलट का सहयोगी को-पायलट उस प्लेन को सही और सुरक्षित लैंड करवा सकता है.
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