Myths and facts: प्रेगनेंसी एक अनोखा, खुबसूरती और जीवन बदलने वाला अनुभव होता है.प्रेगनेंसी के दौरान नई मां को जानने की उत्सुकता रहती है कि वह इस दौरान क्या करें और क्या ना करें.तो आइए जानते हैं प्रेगनेंसी के मिथकों और उनके सत्य के बारे में विस्तार से –
मिथक 1:प्रेगनेंसी में पेट का आगे की ओर बढ़ने का मतलब है लड़का होगा.
सत्य : यह धारणा बिल्कुल ही गलत है.पेट के आकार पर लड़की होगा या लड़का यह निर्भर नहीं करता है.कई बार मोटापे के कारण भी पेट आगे की ओर निकला रहता है.
मिथक 2: प्रेगनेंसी में दो लोगों का पर्याप्त भोजन करना चाहिए.
सत्य: इस मिथक पर विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेगनेंसी में माँ को संतुलित आहार लेना चाहिए और पर्याप्त व्यायाम करना चाहिए जिससे वजन न बढ़े और स्वास्थ्य में समस्याएँ आती है.
मिथक 3: नारियल खाने से बच्चा गोरा होगा.
सत्य: प्रेगनेंसी में नारियल खाने से बच्चे के रंग पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है. नारियल बहुत पौष्टिक होता है इसलिए इसे खाने की सलाह दी जाती है.
मिथक 4 : प्रेगनेंसी में गर्भवती महिलाओं को शाम को 6 बजे के बाद बाहर जाने से बचना चाहिए क्योंकि दुष्ट आत्माएँ माँ और बच्चे को धर सकती है.
सत्य : इसके समर्थन में कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है.इसलिए यह सिर्फ मिथक ही है.
मिथक 5 :प्रेगनेंसी के 7 वे महीने में गोद भराई की रस्म बच्चे की सुनने की शक्ति बेहतर होती है.
सत्य :गोद भराई की रस्म और बच्चे के स्वास्थ्य के बीच संबंधों को साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. यह रिवाज़ प्रेगनेंसी में माँ को खुश रखने और उसको अच्छा महसूस कराने के लिए किया जाता है.
मिथक 6 : ज्यादा सोने वाले महिलाओं को लड़की होती है.
सत्य: प्रेगनेंसी में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते है, जिसकी वजह से महिलाएं जल्दी थक जाती है और सो जाती है. ज्यादा सोने से लड़की होगा या लड़का यह निर्भर नहीं करता है.
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