Youtube: कुछ दिन पहले आपने जरूर पीएम मोदी और अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के डीफफेक वीडियो तो जरूर देखें होगें। AI आने के बाद टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है लेकिन इससे खतरा भी ज्यादा बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों में एआई के जरिए बनने वाले डीपफेक वीडियो और फोटो लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। अब डीपफेक पर भारत सरकार भी सख्त नजर आ रही है। अब डीपफेक पर यूट्यूब ने भी बड़ा कदम उठा लिया है।
डीपफेक से हो रहे खतरे को लेकर भारत सरकार के कड़ाई के बाद टेक जायंट गूगल ने कहा कि अब यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर्स को पोस्ट से पहले उसमें इस्तेमाल किए गए एआई के बारे में डिटेल से जानकारी देनी होगी। यानी अगर कोई कंटेंट क्रिएटर AI की मदद से वीडियो क्रिएट करता है उसे बताता पड़ेगा कि उसने AI की किस तरह से मदद लिया है।
गूगल ने कहा है कि अगर कोई एआई के सपोर्ट से वीडियो या फोटो बनाता है और इसे बिना किसी जानकारी के पोस्ट किया जाता है तो यूट्यूब अपनी पॉवर से उस वीडियो को प्लेटफॉर्म से रिमूव कर सकता है। गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि क्रिएटर्स को अब AI रिलेटेड कंटेट की जानकारी देना जरूरी है। वीडियो देखने वाले लोगों को यह वीडियो प्लेयर के लेबल से इस बारे में पता चेगा।
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में डीपफेक वीडियो और फोटो की बाढ़ सी आ गई है। इसमें किसी दूसरे के वीडियो पर दूसरे का चेहरा लगा कर सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है। अब इसे लेकर भारत सरकार ने सख्ती की है। इसके खतरे को देखते हुए सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने डीपफेक वीडियो के खतरे को जांचने के लिए एक विशेष अधिकारी की भी नियुक्ति की है।