Domain Name: आज के इस डिजिटल युग में अधिकतर ऐसे स्टार्ट-अप हैं जो इंटरनेट और चंद इन्वेस्टमेंट के साथ शुरू हुए थे और आज ये करोड़ों के स्टार्ट-अप बन चुके हैं. जाहिर तौर पर डिजिटली तरीके से कोई भी काम करने पर सफलता के कई ऑप्शन खुल जाते हैं. इन्हीं से एक तरीका है वेबसाइट बनाकर कमाई करना. बहुत से लोग कन्फ्यूजन में होते हैं. उन्हें लगता है इसमें बहुत से पैसे खर्च करने पड़ते हैं. साथ ही और भी कई सारी चीजें चाहिए होती हैं. आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि आखिर डोमेन नेम और होस्टिंग क्या होता है. .com .in, ये कैसे मिलते हैं.
क्या होता है डोमेन नेम
सबसे पहले हम जानते हैं कि डोमेन नेम क्या होता है. दरअसल, जब हम कोई शॉप खोलते हैं या कोई और काम करते हैं तो सबसे पहले उसके लिए एक यूनीक सा नाम सोचते हैं. जिससे हम भविष्य में जानें जाएंगे या हमारी शॉप जानी जाएगी. ठीक उसी तरह से हमें वेबसाइट बनाने के लिए डोमेन खरीदना होता है जो हमारी वेबसाइट के लिए नाम के तौर पर काम करता है. डोमेन खरीदने के लिए कई सारी मुख्य कंपनियां हैं. जैसे आमतौर पर Godaddy डोमेन के लिए अच्छा माना जाता है. यहां से हम कुछ पैसे चुकाकर कोई यूनीक सा डोमेन नेम खरीद सकते हैं. यह करने के बाद आपके पास शॉप का नाम यानी वेबसाइट का नाम आ चुका है.
.com और .in डोमेन का क्या मतलब है.
यहां आपको एक चीज और ध्यान देने वाली है. आपने अक्सर नोटिस किया होगा कुछ वेबसाइट्स के नेम के पीछे .com लगा होता है तो कुछ के पीछे .in लगा होता है लेकिन क्या आपको पता है. इनका क्या मतलब है. दरअसल .com डोमेन पूरी दुनिया के लोगों के लिए होता है. यानी हम इस डोमेन पर काम करेंगे तो हमें किसी भी देश के यूजर्स देख सकेंगे और पढ़ सकेंगे लेकिन .in जो डोमेन होता है, वह किसी एक देश के लिए पार्टिकूलरली काम करता है. जैसे bllogistan.com यह डोमेन पूरी दुनिया के यूजर्स के लिए काम करेगा. अगर .कॉम की जगह .in होता तो यह सिर्फ भारत के यूजर्स के लिए होता.
होस्टिंग क्या होती है
डोमेन के बाद होस्टिंग की बारी आती है. होस्टिंग को आप एक वर्चुअल जगह के तौर पर देख सकते हैं. आपने दुकान का नाम तो सोच लिया लेकिन उसके लिए किसी खास लोकेशन की जरूरत होगी. ठीक उसी तरह से डोमेन नेम लेने के बाद हमें इंटरनेट पर जगह खरीदनी होगी, जिसे टेक्नीकली भाषा में होस्टिंग कहते हैं. होस्टिंग आप अपने हिसाब से एक महीने की भी ले सकते हैं और दस साल की भी ले सकते हैं. जब हम होस्टिंग खरीद लेते हैं तो हमें इंटरनेट पर कुछ जगह मिल जाती है. होस्टिंग लेने के लिए आप hostinger की तरफ देख सकते हैं.
क्या होती है वेबसाइट डिजाइनिंग
इसके बाद डोमेन नेम और होस्टिंग को एक दूसरे से कनेक्ट किया जाता है. इसके बाद किसी खास प्लेटफॉर्म पर वेबसाइट डिजाइन करते हैं. जैसे अधिकतर वेबसाइट वर्डप्रेस पर डिजाइन की जाती है. वहीं फ्री में डिजाइन के लिए ब्लॉगर जैसा विकल्प मौजूद है. डिजाइनिंग के लिए आप किसी डेवलपर से संपर्क कर सकते हैं.
ऐसे होगी कमाई
एक बार जब वेबसाइट बनकर तैयार हो जाती है और आप उस पर निरंतर काम करते हैं तो आप गूगल एडसेंस और एफिलियेट मार्केटिंग के जरिए अच्छी कमाई कर सकते हैं. आपकी वेबसाइट पर जितना ट्रैफिक होगा उतनी ही अधिक कमाई होगी.
आपके लिए – टेक से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
आपके लिए – टेक के बाद अब देखे ऑटो नगरी में क्या है धमाल