Wireless charger: समय के साथ तकनीक का लगातार विकास होता रहता है. आज कल तो कुछ ऐसी तकनीक आ चुकी हैं जो लोगों को बेहद पसंद आती है. बात आज वॉयरलेस चार्जर तकनीक की होगी. जानेंगे कि कैसे वॉयरलेस चार्जर हमारे स्मार्टफोन को हवा में ही चार्ज कर देता है. कहने को मार्केट में अनेकोंं तरह के चार्जर उपलब्ध है लेकिन आज कल अधिकतर फोन्स के साथ वायरलेस तकनीक दी जा रही है. हालांकि, फिलहाल ये फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स में ही देखने को मिलता है.
कैसे काम करती है वायरलेस चार्जर तकनीक
वर्तमान समय में अनकों तकनीक वाले चार्जर मौजूद हैं. आज के समय में वायरलेस चार्जर तकनीक खूब चर्चित है. ऐसे में यूजर्स के जेहन में भी सवाल होता है कि आखिर ये तकनीक काम कैसे करती है. हाल फिलहाल के दिनों में आपने भी नोटिस किया होगा अधिकतर स्मार्टवफोन कंपनियां फ्लैगशिप फोन्स के साथ वायरलेस चार्जर प्रदान करती हैं. इस तकनीक में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन की सुविधा होती है. जिसके कारण ये हवा में इलेक्ट्रिसिटी देता है. जिससे हमारा फोन चार्ज होता है. ये तकनीक सबसे पहले कुछ एरिया को निर्धारित कर लेती है और फिर उसी के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड तैयार करती रहती है. वहीं दूसरी तरफ मोबाइल फोन में कॉपर कॉइल लगा होता है जो इस तकनीक को सपोर्ट करता है. जब यह दोनों तकनीक का तालमेल बैठ जाता है तो फोन को चार्जिंग मिलने लगती है.
ये भी पढ़ें- Electricity saving fan: ये फैन कूलिंग के मामले में है ताबड़तोड़, बिजली खर्च है न के बराबर, पढ़ें डिटेल
तकनीक है बेहद कारगर
वायरलेस तकनीक के जरिए फोन चार्ज करने से कई सारे फायदे होते हैं. जैसे कि वायर की टेंशन से मुक्ति मिल जाती है. वहीं आम चार्जर की अपेक्षा ये फास्ट चार्ज करता है. खासतौर से इस तकनीक वाले चार्जर फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स के साथ पेश किए जाते हैं. इसके कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे जानकर मानते हैं ये चार्जर आम चार्जर की तुलना में अधिक बिजली की खपत करता है. वहीं फोन की बैटरी भी जल्दी खत्म होने लगती है. जो कई मायने में नुकसानदायक है.
आपके लिए – टेक से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
आपके लिए – टेक के बाद अब देखे ऑटो नगरी में क्या है धमाल