MNP: आज के समय में अगर किसी व्यक्ति को अपनी सिम को पोर्ट करना हो तो वह चंद मिनट में पोर्ट करने के लिए अप्लाई कर देता है और कुछ दिनों के अंदर सिम पोर्ट हो जाती है लेकिन अब दूर संचार नियामक ट्राई (TRAI) मोबाइल नंबर पोर्ट करने के नियमों में बदलाव करने जा रही है. आइए आपको बताते हैं कि आखिर ट्राई इस बदलाव को क्यों करने जा रही है.
इसलिए बनाया जा रहा है नया नियम
पिछले काफी समय से अक्सर ऐसा देखा जा रहा है कि सिम कार्ड स्वैप के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसके बाद दूरसंचार मंत्रालय ने ट्राई से इस विषय पर बदलाव करके सख्त नियम बनाने को कहा है जिससे लोगों के साथ साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी को अंजाम न दिया जा सके.
पोर्ट करने से पहले करनी होगी जांच
जानकारी के मुताबिक ट्राई के नए नियम जब लागू हो जाएंगे तो उसके बाद जब टेलीकॉम कंपनियां नंबर को पोर्ट करेंगी तो उन्हें अप्लाई करने वाले ग्राहक और उसकी एप्लीकेशन के बारे में ज्यादा सावधानी बरते हुए पूरी जांच करनी होगी और देखना होगा कि सिम को पोर्ट करने के लिए सही प्रक्रिया और समय अपनाया गया है या नहीं.
क्या है सिम कार्ड स्वैप
सिम कार्ड स्वैप के बारे में अगर आपको बताएं तो सिम कार्ड स्वैप के द्वारा धोखाधड़ी करने वाले लोग सिम चेंज करने वाले व्यक्ति को नकली सिम दे देते हैं और इसके तुरंत बाद इस नंबर का दूसरा असली सिम कंपनी से निकलवा लेते हैं. क्योंकि उस असली सिम से उस व्यक्ति का बैंक खाता, एटीएम, क्रेडिट कार्ड जैसी चीज लिंक होती हैं तो यह धोखाधड़ी करने वाले लोग उसे नंबर पर आने वाली ओटीपी के द्वारा सारी रकम को उड़ा लेते हैं. इसलिए अगर कभी आप भी अपने नंबर को पोर्ट करवा रहें तो पूरी सावधानी बरतें और अधिकृत रिटेलर से ही संपर्क करें.
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