Papaya Side Effects:जब भी सब्जियों और फलों का जिक्र होता है. स्वस्थ रहने के लिए अक्सर हरी सब्जियों और फलों के सेवन की सलाह दी जाती है. वहीं किसी रोग विशेष में भी डॉक्टर किसी खास सब्जी या फल के सेवन को डाइट में शामिल करने को कहते हैं. इन पौष्टिक आहारों में पपीता शामिल है. विशेषज्ञों के मुताबिक, पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. पपीता का सेवन करने से कई तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है. हालांकि पपीता कई बार नुकसानदायक भी हो सकता है. अगर आप भी पपीते का रोजाना सेवन करते हैं तो जान लीजिए कि पपीता आपके लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है.
इन लोगों के लिए बेहद नुकसानदायक है पपीता (Papaya Side Effects)
प्रेग्नेसी में नुकसानदायक है पपीता
रिसर्च के अनुसार, कच्चा पपीता खाने से गर्भपात जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि पपीते में मौजूद एंजाइम पपैन ऑक्सीटोसिन और प्रोस्टाग्लैंडीन की तरह काम करता है. इसलिए प्रेग्नेंसी के समय पपीते का सेवन न करें.
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अनियमित दिल के मरीजों के लिए
पपीता खाने से दिल से जुड़ीं बीमारियों का खतरा कम हो सकता है, लेकिन अगर आप पहले से ही अनियमित दिल की धड़कन की समस्या से जूझ रहे हैं तो पपीता आपके लिए हानिकारक हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पपीते में कुछ मात्रा में साइनोजेनिक ग्लाइकोसाइड पाया जाता है. ये एमिनो एसिड पाचन तंत्र में हाइड्रोजन साइनाइड बना सकता है. बहुत ज्यादा मात्रा में पपीता खाने से अनियमित दिल की धड़कन वाले मरीजों की समस्या और बढ़ सकती है.
एलर्जी वाले लोग
लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित लोगों को पपीते से भी एलर्जी हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पपीते में चिटिनासेस नाम का एंजाइम होता है. ये एंजाइम बॉडी में क्रॉस-रिएक्शन बनता है. इससे छींकने, सांस लेने में कठिनाई, खांसी और आंखों में पानी आने जैसी समस्या हो सकती है.
किडनी स्टोन वाले लोग
पपीते में विटामिन C की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट है, किडनी स्टोन की समस्या को और बढ़ाने का काम कर सकता है. विटामिन C के बहुत अधिक सेवन से कैल्शियम ऑक्सालेट किडनी स्टोन बन सकता है. यह पथरी के आकार को भी बढ़ा सकता है. इससे पेशाब करने में बहुत कठिनाई महसूस होती है.
हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग
डायबिटीज के मरीजों के लिए पपीता बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि ये ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है. हालांकि, पपीता खाना उनके लिए बिल्कुल भी सही नहीं है जिन्हें हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या हो यानी जिनका ब्लड शुगर कम रहता हो. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसममें एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक या ग्लूकोज कम करने वाले तत्व मौजूद होते हैं.
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