Depression: देश में ही नहीं बल्कि वर्ल्ड वाइड डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोविड के बाद से इसका आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, अगर आप कम पढ़े लिखे हैं तो भी आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिचर्स में ये खुलासा हुआ है. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया में मेंटल हेल्थ(MENTAL HEALTH) को लेकर एक रिसर्च किया गया है. इस स्टडी में खुलासा हुआ है वो वाकई हैरान करने वाला है.
Depression: क्या कहती है स्टडी ?
मेंटल हेल्थ एंड सोशल इन्क्लूजन नाम के जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में ये बात सामने आई है. जो लोग कम पढ़े लिखे हैं उनमे डिप्रेशन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है. वहीं ऐसे लोगों में अकेलापन और एंग्जाइटी जैसे मामले ज्यादा होते हैं. ये स्टडी भारत समेत 9 देशों पर की गई थी.रिसर्च में पाया गया कि, जो महिलाएं कम या बिल्कुल भी पढ़ी लिखी नहीं थीं,उनमें डिप्रेशन ज्यादा देखने को मिला.
रिसर्च के मुताबिक पूरी दुनिया में साक्षरता को लेकर काफी जागरुकता बढ़ी है. लेकिन बावजूद इसके अभी भी करीब 773 मिलियन लोग हैं, जो पढ़ लिख नहीं सकते.शोध में पाया गया कि, जो ज्यादा पढ़ें लिखे थे वो रोजगार, बेहतर खाना और घर का खर्च उठाने में ज्यादा सक्षम थे. ऐसे में वो लोग सामाजिक जीवन को अच्छे से व्यतीत कर पाए.रिसचर्स ने ये बात मानी कि, जो लोग कम पढ़े लिखे थे वो सामाजिक जीवन में पीछे छूट जाते हैं.
बिजी लाइफ स्टाइल की वजह से आजकल लोग अपने मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना भूल जाते हैं. मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम को लेकर हाल ही में एक शोध किया गया. इस शोध में भारत समेत 9 देश शामिल हुए. रिसर्च टीम ने साक्षरता और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को मापने वाले 19 अध्ययनों के डेटा की समीक्षा की. ये शोध अमेरिका, चीन, नेपाल, थाईलैंड, ईरान, भारत, घाना, पाकिस्तान और ब्राजील में हुए. इस रिसर्च में करीब दो मिलियन लोग शामिल हुए.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.
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