Economic Survey:देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman)फरवरी को आम बजट(Union Budget) पेश करेंगी. इस बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे आता है. बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे क्यों पेश किया जाता है. क्या आप इसके बारे में जानते हैं.इस इकोनॉमिक सर्वे में सरकार देश के आर्थिक विकास की पूरी डिटेल देती है. इस सर्वे से इस बात का अंदाजा लगाया जाता है कि, पिछले एक साल में देश ने कितना आर्थिक विकास किया.बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey)पेश किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है.
Economic Survey
Economic Survey:बजट से पहले क्यों पेश होता है इकोनॉमिक सर्वे
साल 1947 में जब देश आजाद हुआ तब आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे को बजट के साथ ही पेश किया जाता था. लेकिन 1964 में इसे अलग कर दिया गया था और तब इसे बजट के एक दिन पहले पेश किया गया. तब से लेकर आज तक ये इकोनॉमिक सर्वे बजट से एक दिन पहले ही पेश करने का नियम कायम है.
2. ये कई मायनों में काफी जरूरी होता है. इस सर्वे से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था कैसी है. इसमें सुधार की क्या गुंजाइश है. इस सर्वे के आधार पर ही सरकार को सुझाव दिए जाते हैं.
3. लेकिन इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाए या नहीं इसके लिए सरकार बाध्य नहीं होती. इकोनॉमिक सर्वे की तरफ से दिए गए सुझावों और सिफारिशों को सरकार मानेगी या नहीं ये सरकार पर निर्भर करता है. सरकार अगर चाहेगी तो वो सुझाव को मान सकती है या फिर खारिज भी कर सकती है.
4. इकोनॉमिक सर्वे से इस बात का आंकलन किया जाता है कि, आने वाले दिनों में किन चीजों के दाम बढ़ेंगे, कौन सी चीजें सस्ती होंगी.
5. फाइनेंस मिनिस्ट्री के अंतर्गत एक विभाग होता है इकोनॉमिक अफेयर्स. इसी इकोनॉमिक डिवीजन के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर यानी CEA की देख-रेख में इकोनॉमिक सर्वे तैयार करते हैं.
Budget 2023: बजट से लोगों को काफी उम्मीदें रहती हैं. सरकार के इस बजट से अगर सबसे ज्यादा कोई उम्मीद लगाता है वो है आम आदमी. एक फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2023-24 के आम बजट (Union Budget) पेश करेंगी. वहीं अगले साल 2024 में केंद्र सरकार की ओर से अंतरिम बजट(Interim Budget) पेश किया जाएगा.
लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिन्हें आम बजट और अंतरिम बजट के बीच काफी कंफ्यूजन होता है. तो आपके इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए ये आर्टिकल है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि, आम और अंतरिम बजट में क्या फर्क है. और इन्हें सरकार कब पेश करती है.
Budget 2023:Finance Minister Nirmala Sitharaman(Image Source-Google)
Budget 2023:क्या होता है आम बजट (Union Budget)
संविधान की बात की जाए तो बजट पेश करने का अधिकार राष्ट्रपति का है. लेकिन राष्ट्रपति अपनी तरफ से किसी और भी चिन्हित कर सकते हैं बजट पेश करने के लिए.भारत में आम तौर पर वित्त मंत्री ही बजट पेश करते हैं.संविधान में कहीं भी सीधे तौर पर ‘बजट’ शब्द का जिक्र नहीं हैं, हालांकि संविधान के ‘अनुच्छेद 112’ में ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ की चर्चा की गई है. इसका सीधा मतलब ये है कि सरकार को हर साल अपने आय और व्यय का इसके मुताबिक, सरकार को हर साल अपने आय-व्यय का हिसाब किताब देना होता है.
क्या होता है अंतरिम बजट (Interim Budget)
भारत में अंतरिम बजट आम चुनाव से पहले पेश किया जाता है. इससे पहले 2019 में अंतरिम बजट किया गया था. अब अगले साल 2024 में सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. अंतरिम बजट को पूरे साल के बजाय केंद्र सरकार कुछ महीनों के लिए पेश करती है.वहीं जब चुनाव खत्म हो जाते हैं तो चुनी हुई नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है.
क्या है दोनों के बीच का अंतर
बजट आम हो या अंतरिम, सरकारी खर्चों के लिए मंजूरी संसद से ही ली जाती है.अंतरिम बजट में सामान्य तौर पर सरकार कोई नीति से संबंधी फैसला नहीं लेती. भारत में ये परंपरा रही है कि जो चुनी हुई नई सरकार आएगी वो ही अपनी नीतियों के मुताबिक फैसले लेगी और योजनाओं की घोषणा करेगी. इसी वजह से आम बजट में आम आदमी के लिए टैक्स छूट, देश के लिए अन्य विकास परियोजनाओं के लिए प्रावधान किए जाते हैं. अंतरिम बजट में सरकार खर्चों के अलावा राजस्व का लेखा जोखा देती है.
DOV India A-Star EV Scooter: आजकल इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बहुत बढ़ गई है, जिसके कारण सभी वाहन निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को पेश करने में जुटी है. प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार द्वारा भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बहुतायत में पेश किया जा रहा है.ऐसे में अगर आप भी सस्ते दामों में इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने का मन बना रहे हैं ,तो फिलहाल आपके लिए एक जबरदस्त डील सामने आई है.
DOV India A-Star EV Scooter (Source-Google)
जिसमें आप मात्र 59,999 रुपए की ऑनरोड कीमत के साथ एक जबरदस्त इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद सकते हैं. जी हां! आज हम जिस शानदार और सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर की बात कर रहे हैं उसका नाम है DOV India A-Star Electric Scooter. बता दें कि इस स्कूटर में 60 v 28 Ah Gel maintenance free Lead Acid बैटरी का इस्तेमाल किया गया है, जो सिंगल चार्ज में 65 km की रेंज देने में सक्षम है. इसके अलावा इसमें 1000 W का BLDC मोटर का भी इस्तेमाल किया गया है. वहीं इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को फूल चार्ज होने में 4-5 घंटे का समय लगता है.
वाह! 1 रुपए में चलेगा 6KM
कम्पनी का दावा है को इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को आप 1 रूपए के चार्जिंग खर्चे पर 6 km तक चला सकते हैं. खास बात यह है कि इस स्कूटर को चलाने के लिए आपको बिलकुल लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है. यह ट्यूबलेस टायर्स और डिस्क ब्रेक के साथ आती है. वहीं इसकी कीमत मात्र 57,000 रुपए हैं.
DOV India A-Star EV Scooter: फीचर्स
60 v 28 Ah Gel maintenance-free Lead Acid battery
Single charge 65 KM range
Tubeless tire
Explosion-proof battery package
Disk brake
Ground clearance 155 MM
Wheel size 10 iNch 90*100
BLDC 1000 W motor
Charging time 5 hrs 0 to 100
Suspension hydraulic shock absorber
Led based speedometer
Loading capacity 200 KG
Charger 5Amp/6Amp/7Amp
कहां से खरीदें यह स्कूटर
बता दें कि, यह बाइक Dov India Electric Showroom, S-94/10, transport Nagar ,KP road , Lucknow, Uttar Pradesh, Pin 206023 के लोकेशन पर मौजूद है. जिसका आप प्री बुकिंग भी कर सकते हैं. साथ ही आप ऊपर दिए गए एड्रेस पर जाकर भी खरीद सकते हैं.
Budget Story 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) केंद्र सरकार के साथ मिलकर 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट (Budjet) पेश करने वाली है. ऐसे में भारत सरकार एक प्रभावी बजट देने के लिए तैयार है, जिसमें ग्रामीण, सामाजिक, ग्रामीण, सामाजिक, नीतिगत प्रोत्साहन, सब्सिडी, और कर / विकास उछाल को शामिल किया जाएगा.
Budget 2023-24(Image Source-Google)
ऐसे में आज हम इस आलेख के जरिए जानेंगे कि,सबसे पहला बजट पेशी से लेकर अब तक की कहानी के बारे में, साथ ही इस लेख में यह भी जानेंगे कि, तब से लेकर अभी तक देश में क्या क्या बड़े बदलाव किए गए हैं.
Budget Story 2023: देश का पहला बजट कब किया गया था पेश?
आप सबको यह लगता होगा की देश का पहला बजट भारत को आजादी मिलने के बाद पेश की गई थी. लेकिन ऐसा नहीं है, बता दें कि, देश का पहला बजट ब्रिटिश काल में ही पेश किया गया था. 7 अप्रैल, 1860 में वित्त मंत्री सदस्य जेम्स विल्सन द्वारा ईस्ट-इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन को भारतीय प्रशासन के हस्तांतरण के दो साल बाद बजट पेश किया गया था. आजाद भारत में पहली बार भारत के वित्त मंत्री, शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को पहला बजट पेश किया था.
Budget Story 2023: 1950 में बदल गई बजट छापने की जगह
क्या आपको मालूम है कि 1950 तक हमारे देश का बजट राष्ट्रपति भवन में ही छपता था? लेकिन एक बार बजट लीक हो गया , जिसके बाद से बजट की छपाई मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में शुरू किया गया. इसके बाद 1980 में वित्त मंत्रालय की सीट नॉर्थ ब्लॉक में एक सरकारी प्रेस स्थापित किया गया था. जिसमें बजट की छपाई शुरू की गई.
बजट में हिंदी भाषा को मिली जगह
आजादी के 8 साल बाद भी देश का बजट अंग्रेजी भाषा में पेश किया जाता था. हालांकि, कांग्रेस के नेतृत्व में 1955 में पहली बार केंद्रीय बजट में हिंदी भाषा को भी स्थान मिली.
यूनियन बजट में रेल बजट को जोड़ा गया
आप सबको शायद यह ज्ञात होगा कि, 2017 तक यूनियन बजट और रेल बजट को अलग अलग पेश किया जाता था. अब आप सोच रहे होंगे कि, ऐसा क्यों किया जाता था? दरअसल, 1924 में अंग्रेजी सरकार ने यूनियन बजट से रेल बजट को अधिक प्रॉफिट कमाने के चक्कर में अलग कर दिया था. क्योंकि सरकार के राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा और देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) रेलवे राजस्व पर निर्भर था.
किंतु, मोदी सरकार के राज में 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में रेल बजट को केंद्रीय बजट के साथ विलय करने पर चर्चा की और फिर बजट के विलय को देखने के लिए एक समिति का गठन किया गया. अतः 2017 में अरुण जेटली ने पहला संयुक्त केंद्रीय बजट पेश किया और तब से लेकर आज तक भारत में एक साथ बजट पेश किया जाने लगा.
प्रणब मुखर्जी ने मैनुअल बजट को किया पेश
2010 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के द्वारा केंद्र सरकार का पहला बजट मैनुअल जारी किया गया था. उनके शब्दों में, मैनुअल पूरे बजट से संबंधित गतिविधियों और प्रक्रियाओं को एक साथ लाने का एक प्रयास था, जो उस समय तक कार्यकारी निर्देशों और दिशानिर्देशों के रूप में अलग-अलग तरीके से उपलब्ध थे.
बजट पेश करने के समय और तारीख में परिवर्तन
क्या आप जानते हैं कि, 1999 से पहले तक बजट को फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को शाम 5 बजे पेश किया जाता था. इस बजट को पेश करने में एक मिनट की देरी हो जाने पर इसे पेश नहीं किया जा सकता था. इसलिए 1999 में, तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेशी के समय में बड़ा बदलाव किया और बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया. उसके बाद 2017 में, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी के अंतिम कार्य दिवस का उपयोग करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा से हटकर, 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने की प्रथा शुरू किया.
पेपरलेस बजट का युग हुआ आरंभ
2019 के बाद बजट को भूरे, लाल रंग के ब्रीफकेस में रखा गया और उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पारंपरिक बही खाता या कपड़े का बही-खाता पर बजट को पेश करना शुरू किया. लेकिन फिर कोविड महामारी के बाद भी इसमें एक बदलाव किया गया और 2021 में संसद में बजट पेश करने से इसे पेपरलेस कर दिया गया.और इस तरह से पेपरलेस बजट का युग शुरू हुआ.
Budget 2023: देश का 2023 का आम बजट कल 1 फरवरी को पेश होने वाला है. इस बजट को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पेश करेंगी. ये बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए भी बेहद खास है क्योंकि वर्ष 2024 में देश में आम चुनाव होने हैं. मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट दिखाएगा कि उनकी झोली में देश के लोगों के लिए क्या-क्या है और उन्होंने देश के हर वर्ग का कितना ख्याल रखा है. लेकिन आज हम आपको रेल बजट के बारे में बताने जा रहे हैं जो आम बजट से पहले रेल मंत्री द्वारा देश के समक्ष प्रस्तुत किया जाता था लेकिन इस परंपरा को मोदी सरकार ने क्यों और कब बदल दिया,आइए आपको बताते हैं.
2017 में रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा हुई खत्म
वर्ष 2017 से पहले रेल बजट (Rail Budget) को आम बजट से अलग प्रस्तुत किया जाता था. इस बजट में भारतीय रेलवे से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं,आदि की जानकारी होती थी. लेकिन 2017 में नरेंद्र मोदी सरकार ने रेल बजट का आम बजट में विलय कर दिया. बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने आम बजट में रेल बजट को विलय नीति आयोग के परामर्श के आधार पर किया था.
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1924 से शुरू हुआ था अलग रेल बजट
बता दें देश में वर्ष 1924 से अलग रेल बजट प्रस्तुत करने की परंपरा शुरू हुई थी. इस बजट को आम बजट पेश होने से 1 दिन पहले प्रस्तुत किया जाता था. लेकिन 2017 में केंद्र की सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही 92 साल पुरानी अलग रेल बजट की परंपरा को खत्म कर दिया. पिछले 4 सालों से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही आम बजट के साथ रेल बजट को पेश कर रही हैं.
Gautam Adani: गौतम अडानी कुछ समय पहले तक भारत के सबसे धनी कारोबारी तो थे ही, वो दुनिया के तीसरे सबसे रिच बिजनेसमैन भी थे.लेकिन विश्व के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी(Gautam Adani) अब टॉप 10 लिस्ट से बाहर हो गए हैं.अब गौतम अडानी दुनिया के सबसे धनी कारोबारियों की लिस्ट में 11वें नंबर पर पहुंच गए हैं. गौतम अडानी की कुल संपत्ति 84.4 अरब डॉलर रह गई है, जिसके चलते वो टॉप-10 लिस्ट से बाहर हो गए हैं. अब नई लिस्ट में मुकेश अंबानी(Mukesh Ambani), अडानी के बाद 12वें पायदान पर आ गए हैं.
Gautam Adani
रिचेस्ट लिस्ट से क्यों फिसले अडानी?
अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के शेयरों का भी बुरा हाल कर दिया है. गौतम अडानी की दौलत में भी लगातार कमी आ रही है. इसी के चलते वो दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप 10 से बाहर हो गए हैं.
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अडानी अब इस लिस्ट में 11वें नंबर पर आ गए हैं, जो कुछ दिन पहले ही तीसरे नंबर पर थे. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी की दौलत में करीब 3600 करोड़ डॉलर की कमी आई है. फिलहाल इस लिस्ट में 189 बिलियन डॉलर की दौलत के साथ बर्नार्ड अर्नाल्ट पहले नंबर पर बने हुए हैं.
अडानी ने हिंडनबर्ग को दिया है जवाब
गौतम अडानी ने न्यूयार्क स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का जवाब 413 पन्नों में दिया था, वहीं इसके एक दिन बाद हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर पलटवार किया. हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि, राष्ट्रवाद के नाम पर धोखाधड़ी को छिपाया नहीं जा सकता.
Ambani Family: मुकेश अंबानी(Mukesh Ambani) देश और दुनिया के जाने माने और बड़े बिजनेस टाइकून हैं. उनके परिवार का हर शख्स अपने आप में एक बड़ी शख्सियत है. वहीं बात अगर घर की महिलाओं की हो तो वो भी किसी से कम नहीं है. हाल ही में उनके बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) की राधिका मर्चेंट से सगाई हुई है.सगाई की फोटो खूब सोशल मीडिया पर छाईं रहीं. फोटो में राधिका मर्चेंट के खूब चर्चे हुए. साथ ही अंबानी परिवार की महिलाओं, नीता अंबानी (Nita Ambani), ईशा अंबानी (Isha Ambani), श्लोका मेहता (Shloka Mehta) भी छाई रहीं.तो चलिए जानते हैं कि अंबानी परिवार की बहू और बेटियां जो हर चीज में अव्वल हैं वो पढ़ाई में कितनी अव्वल हैं.
Ambani Family: NITA AMBANI
मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी खुद में बहुत पॉपुलर हैं. इस उम्र में भी नीता अंबानी की खूबसूरती का कोई जवाब नही है. नीता अंबानी ने मुंबई के नरसी मोंजी कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से कॉमर्स में ग्रैजुएशन किया है. नीता अंबानी एक ट्रेंड भारतनाट्यम डांसर भी हैं.
ISHA AMBANI
वहीं अब बात करते हैं ईशा अंबानी की. ईशा ने इंटरनेशनल स्कूलिंग की है. ईशा अंबानी ने येल यूनिवर्सिटी, अमेरिका से साइकॉलोजी में ग्रेजुएशन किया है और उसके बाद कैलिफोर्निया के स्टैनफॉर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है.
SHLOKA MEHTA
वहीं मुकेश अंबानी की बहुएं भी पढ़ाई में कुछ कम नहीं हैं. मुकेश अंबानी की बड़ी बहू श्लोका मेहता जो आकाश अंबानी की पत्नी है, उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, न्यू जर्सी (यूएसए) से, ऐन्थ्रोपॉलोजी में ग्रेजुएशन किया है.श्लोका सामाजिक कार्यों में भी काफी एक्टिव रहती हैं.
Radhika merchant(Image source-Google)
वहीं अगर बात करें राधिका मर्चेंट की, जो अंबानी परिवार की बहू बनने वाली हैं. हाल ही में उनकी सगाई हुई थी. उनकी डिग्री भी किसी से कम नहीं है. मुंबई के इकोलो मोंडियल वर्ल्ड स्कूल और बीडी सोमानी इंटरनेशनल स्कूल से स्कूलिंग की है, जिसके बाद 2017 में उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. नीता अंबानी के बाद वो घर की दूसरी ऐसी महिला हैं जो ट्रेंड भारतनाट्यम डांसर हैं.
Mahatma Gandhi: महात्मा गांधी जैसी शख्सियत ना हुई है और ना शायद होगी.सीमित संसाधनों में असीमित शोहरत पाने वाले शख्स का नाम है महात्मा गांधी. उनका व्यक्तित्व इतना विराट था कि आज भी करोड़ों लोग उनसे प्रभावित हैं. उनकी हर एक बात हमें कुछ ना कुछ सिखाती है.कई बार आंदोलन के बीच ऐसे मौके आए जब वो एक तरफ खड़े थे और बाकी लोग दूसरी तरफ.हैरानी की बात ये है कि गांधी जी की हत्या की कोशिश कई बार(Mahatma Gandhi murder attempt) की गई थी.
लेकिन महात्मा गांधी जी अपने मार्ग से किंचित नहीं डगमगाए. 1948 को जब महात्मा गांधी की हत्या हुई, तब देश को आज़ाद हुए सिर्फ 5 महीने और 15 दिन हुए थे. और बहुत सारे लोगों को शायद ये बात पता नहीं होगी कि, जब गांधीजी की हत्या की साज़िश रची गई, तब शुरुआत में ये तय नहीं हुआ था कि, ये हत्या नाथूराम गोडसे को करनी है.
Mahatma Gandhi murder attempt
Mahatma Gandhi: पहली बार 1934 को हुआ हमला
महात्मा गांधी पर 1934 पर पहली बार पुणे में हमला हुआ था.लेकिन इस हमले में गांधी जी की किस्मत ने उन्हें बचा लिया. महात्मा गांधी को एक समारोह में जाना था.तभी वहां एक जैसी दो गाड़ियां आईं.एक गाड़ी में आयोजक थे और दूसरे में गांधी जी यात्रा करने वाले थे.लेकिन इस दौरान रेलवे फाटक आया इसमें आयोजकों की कार निकल गई, लेकिन गांधी जी की कार फाटक पर ही रुक गई.आपको जानकर हैरानी होगी कि, जो कार आगे गई उसमें एक जोरदार धमाका हुआ और उसके परखच्चे उड़ गए.गांधी जी की किस्मत ने उन्हें वहां बचा लिया.क्योंकि ट्रेन देर से आई थी.
Mahatma Gandhi:1944 में दूसरा हमला
1944 में आगा खां पैलेस से रिहाई के बाद गांधी पंचगणी जाकर रुके थे. इस दौरान वहां कुछ लोग उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे. गांधी जी ने प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश की. लेकिन कोई बात करने को राजी नहीं था. इतने में एक शख्स छुरा लेकर दौड़ पड़ा हालांकि उसे वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और गांधी जी बच गए.
Mahatma gandhi murder attempt
तीसरे हमले में बाल बाल बचे
पंचगणी की घटना के बाद भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर जानलेवा हमले रुके नहीं. इस घटना के बाद गांधी जी और जिन्ना की मुलाकात मुंबई में होने वाली थी.लेकिन इस वार्ता से मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा के लोग खासे नाराज थे.वहां पर भी गांधी जी पर नाकाम हमले की कोशिश हुई.
चौथे हमले में किस्मत ने बचाया
1946 में महाराष्ट्र के नेरूल के पास गांधी जी ट्रेन से सफर कर रहे थे. वो जिस ट्रेन से सफर कर रहे थे उसकी पटरियां उखाड़ दी गईं थीं. ट्रेन पलट गई, लेकिन इसे किस्मत ही कहेंगे कि, गांधी जी को इस हमले में एक खरोंच तक नहीं आई.
Mahatma gandhi murder attempt
1948 में 5वां हमला
1948 में गांधी जी पर दो बार हमले हुए. पहले मदनलाल बम फोड़ना चाहता था, लेकिन वो फूटा नहीं और लोगों ने उसे पकड़ लिया.
छठा हमला बना जानलेवा
छठा हमला महात्मा गांधी के लिए जानलेवा साबित हुआ. इस बार उनकी किस्मत ने भी उनका साथ नहीं दिया. 30 जनवरी 1948 को छठी बार नाथूराम गोडसे ने गोली चलाई, इस हमले में गांधी जी की जान चली गई.
Ereganto E- Scooter: क्या आप भी सस्ते दामों में शानदार स्कूटर लेने का ख्वाब देख रहे हैं? अगर हां! तो यह लेख आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. आजकल हर तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों का बोलबाला है. सरकार से लेकर आम जनता तक, सभी इलेक्ट्रिक गाड़ी लेना पसंद करते हैं. साथ ही इसमें कम खर्च आने की वजह से ग्राहकों द्वारा खूब पसंद भी किया जाता है. ऐसे में आज इस पोस्ट में जानेंगे एक सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर के बारे में, जिसे शॉपिंग साइट अमेजन (Amazon) से डायरेक्ट खरीद सकते हैं.
Ereganto E- Scooter ( Source-Ereganto)
इस इलेक्ट्रिक स्कूटर का नाम Ereganto E- Scooterहै, जिसे Ereganto Mobility द्वारा पेश किया गया है. इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को कंपनी ने खासकर छोटे मोटे काम के लिए बनाया गया है. जिसे आप रोजमर्रा के कामों में आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. इसकी रेंज भी अच्छी खासी है. खास बात यह है कि, यह इलेक्ट्रिक स्कूटर नॉन आरटीओ (Non RTO) अप्रूव्ड है, यानी इसे रोड पर चलने के लाए कोई कागजात की जरूरत नहीं होगी.
स्मार्ट फीचर्स
इसके पूरे बॉडी को स्टील टाइप मैटेरियल से तैयार किया गया है. इसके फ्रंट व्हील में डिस्क ब्रेक का इस्तेमाल किया गया है. वहीं इसके पिछले व्हील में ड्रम ब्रेक का इस्तेमाल किया गया है. अगर बात सेफ्टी की करें, तो बता से कि इस इलेक्ट्रिक स्कूटर में सेफ्टी के लिए नेविगेशन key, एंटी थेफ्ट अलार्म जैसे फीचर्स मौजूद है. यह शहरी लोगो के सबसे बेस्ट इलेक्ट्रिक स्कूटर की लिस्ट में शामिल है.
बैटरी
48V/60V Lead acid Battery
मोटर
BLDG HUB वॉटरप्रूफ मोटर
रेंज
50 किलोमीटर
टॉप स्पीड
25 किमी/घंटा
इंजन
इलेक्ट्रिक
कीमत
61,999 रुपये
Ereganto E- Scooter:बैटरी और पावर
कंपनी ने इस शानदार इलेक्ट्रिक स्कूटर में 48V/60V Lead acid Battery का इस्तेमाल किया है. साथ ही इसमें BLDG HUB वॉटरप्रूफ मोटर का भी उपयोग किया है. वहीं कंपनी का दावा है कि, यह स्कूटर सिंगल चार्ज में 50 किलोमीटर तक दौड़ेगी. बता दें कि इसे फूल चार्ज होने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है. इसकी टॉप स्पीड भी 25 किलोमीटर प्रति घंटा देखने को मिलती है. आप इस स्कूटर को ग्रे, ब्लैक, ब्राउन रंगों में खरीद सकते हैं.
मात्र ₹2,819 में कैसे खरीदें
आज के समय में हर चीज ईएमआई पर मिलती है. ऐसे में आप भी इस स्कूटर को खरीदना चाहते हैं तो आपको इसे खरीदते समय EMI आप्शन का चुनाव करना होगा. अलग-अलग बैंकों के क्रेडिट कार्ड पर यह आप्शन उपलब्ध है, आपको बस कुछ प्रोसेसिंग फी एक्स्ट्रा देना होगा, बाकी आपको No Cost EMI देनी होगी.
Apps Location Access: आज के समय में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी मजबूत होती जा रही है वैसे वैसे लोगों को टेक्नोलॉजी के काफी फायदे भी मिल रहे हैं. लेकिन फायदों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी के साथ कुछ बुरी चीजें भी आई हैं. आज के समय में टेक्नोलॉजी ने आम आदमी की गोपनीयता में जिस प्रकार से सेंध लगाई है.वह चिंता की बात है आज मोबाइल फोन में रहने वाले ऐप्स यूजर की तमाम गतिविधियों पर नजर रखते हैं. इसलिए आज हम आपको बताने वाले हैं कि किस तरह आपके फोन के ऐप्स आपकी प्राइवेसी में घुसे बैठे हैं.
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
आज अमूमन जिस बात की सबसे ज्यादा चिंता जताई जा रही है वो ये है कि आप कहां जा रहे हैं क्या खा रहे हैं इन सारी बातों पर नजर रखी जा रही है. Arrka की रिपोर्ट के मुताबिक आज मोबाइल ऐप लोकेशन द्वारा पल-पल की गतिविधि पर नजर रख रहे हैं और उसका फायदा भी उठा रहे हैं.
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Arrka ने अपनी रिपोर्ट का आधार स्टेट ऑफ डेटा प्राइवेसी का 2022 एडिशन 200 मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स को बनाया है. रिपोर्ट में 25 सेक्टर्स की 100 भारतीय ऑर्गेनाइजेशन और अमेरिका और ब्रिटेन की 76 ऑर्गेनाइजेशन भी शामिल की गई हैं. इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि स्मार्टफोन एप्स की सहायता से यूजर्स की लोकेशन माइक्रोफोन और कैमरा जैसी चीजों का एक्सेस रखते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार सामान्यतः स्मार्टफोन के 43% ऐप्स के पास कांटेक्ट स्कोर रीड करने का एक्सेस है. 76% ऐप्स आपके पास आपकी लोकेशन का एक्सेस है और 76% एप्स के पास ही आपके स्मार्टफोन के कैमरे का एक्सेस है. 32 एप्स प्रतिशत ऐप्स के पास मैसेज रीड करने का एक्सेस है. जबकि 25% एप्स के पास फिंगरप्रिंट का एक्सेस है. आज जिस तरह से सुविधाओं को देने के नाम पर एप्स के द्वारा यूजर की प्राइवेसी में बड़ा दखल दिया जा रहा है वह यूजर्स के लिए बहुत खतरनाक साबित हो रहा है.इसलिए स्मार्टफोन यूजर को चाहिए कि जब वह अपने स्मार्टफोन में एप्स को इंस्टॉल करें तो ध्यान से सारी चीजों को पढ़कर उस एप्स को अपना एक्सेस दें.