World Physiotherapy Day : इंसान को मानसिक रूप से स्वस्थ होने के साथ साथ शारीरिक रूप से भी स्वस्थ और फिट रहना बहुत जरुरी है. जिस वजह से अधिकतर डॉक्टर फिजियोथेरेपी लेने की सलाह देते हैं. फिजियोथेरेपी कराने से शरीर को कई तरह से लाभ मिलते हैं जैसे – कमर, पीठ, पैरों और शरीर में हो रहे ऐंठन आदि. आपने कई बार गौर किया होगा कि डॉक्टर इस तरह के दर्द में दवाई देने के बजाय फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह देते हैं.
आपको बता दें फिजियोथेरेपी भी हमारे जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू है जिसको करने से व्यक्ति स्वस्थ और फिट रहता है. हालांकि अभी भी बहुत लोग इसके फायदे से अनजान है. जिस वजह से हर साल 8 सितंबर को लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व फिजियोथेरेपी डे मनाया जाता है. आज के इस लेख में हम आपको विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के महत्व और इतिहास के बारे में बताएंगे. साथ ही इस वर्ष इसकी थीम क्या है? उसे भी जानेंगे.
क्या है इसका इतिहास
आपकी जानकारी के लिए बता दें, 8 सितंबर 1951 को World Confederation of Physical Therapy नामक संगठन की स्थापना की गई. ये एक ऐसा आर्गेनाइजेशन है जो पूरी दुनिया के फिजियोथेरेपिस्ट का प्रतिनिधित्व करता है. जिसके बाद दुनिया भर 8 सितंबर 1996 से विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाने की घोषणा की गई. और तब से लेकर आज तक इसे लोग एक उत्सव की तरह मानते है..
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World Physiotherapy Day : महत्व
हर साल लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है. बता दें, फिजियोथेरेपी के माध्यम से शरीर के अलग अलग हिस्से में हो रहे दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है. साथ ही ये शरीर घुटनों के दर्द, पीटी की दर्द, मसल्स में अकड़न से भी छुटकारा दिलाने का काम करता है. इतना ही नहीं फिजियोथेरेपी कराने से मानसिक स्वास्थ्य जैसे – तनाव, चिंता आदि भी कम होता है.
कैसे करें फिजियोथेरेपी
यदि डॉक्टर ने आपको भी फिजियोथेरेपी लेने को कहा है तो आपको इसके लिए किसी फिजियो थेरेपिस्ट की मदद लेनी चाहिए. क्योंकि फिजियोथेरेपी में नॉर्मल व्यायाम से हटकर एक्सरसाइज कराया जाता है जो केवल इसके एक्सपर्ट्स से ही पॉसिबल है. बिना विशेषज्ञ भूल कर भी इसे करने की कोशिश न करें.
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