आपने स्लो पॉइजन के बारे में जरूर सुना होगा,लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके किचन में रखे नॉनस्टिक बर्तन कैसे हर रोज आपके खाने में जहर घोल रहे हैं.आप इससे अनजान हैं. रसोई में जिन नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं, उसमें लगी Teflon Coating आपके शरीर में हर रोज़ ज़हर घोल रही है।
एक नई स्टडी (STUDY) में पता चला है कि कि खाना बनाने वाले नॉन स्टिक बर्तनों पर पड़ी एक खरोंच भी खाने को जहरीला बना सकती है. ये अध्यन ऑस्ट्रेलिया(Australia)की दो यूनिवर्सटी ने किया है. नॉन स्टिक बर्तनों की सबसे ज्यादा खपत चीन,भारत,अमेरिका,ब्रिटेन,ब्राजील,दक्षिण अफ्रीका में है
Say No to non stick cookware : क्यों खतरनका है नॉन स्टिक बर्तन ?
आपको बता दे कि स्टडी में माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स का पता लगाने के लिए हल्की किरणों का इस्तेमाल किया गया गया.इसमें पाया गया कि टेफ्लॉन (Teflon Coating) में जब क्रेक या फिर खरोंच आ जाती है, तो इसमें बहुत सारे टॉक्सिक कण रिलीज होते है.जो बेहद खरतनाक होते हैं रिसर्च में पाया गया कि टेफ्लॉन पैन में लगा एक पांच सेंटीमीटर तक का स्क्रैच 23 लाख माइक्रोप्लास्टिक(Microplastic)और नैनो प्लास्टिक कणों को पैदा कर सकता है.
आपको बता दे कि नॉन स्टिक बर्तनों को बनाने के लिए एक खास तरह के केमिकल पीटीएफई(PTFE)यानी पॉलीट्रैट्राफ्लोरोइथाइलीन का इस्तेमाल हो ता है. आम तौर पर इसे आप टेफ्लॉन के नाम से जान है. इसके निर्माण में PFOA (Perfluorooctanoic acid) का इस्तेमाल होता है, जो एक जहरीला केमिकल है. ये आपके लिए जानना जरूरी है कि जिस केमिल कंपाउंड से बर्तन तैयार होते हैं, उससे आपको कैंसर और लिवर खराब होने का खतरा होता है.आपको थायरॉइड डिसऑर्डर,क्रोनिक किडनी डिजीज हो सकती है.
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