Antibiotics: क्या आप भी उनमें से हैं जो जरा जरा सी बात पर एंटीबॉयोटिक्स लेते हैं.तो ये खबर आपके लिए है.एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि, जो लोग 40 की उम्र का पड़ाव पार कर चुके हैं उन्हें एंटीबॉयोटिक्स लेने पर गंभीर यानी जानलेवा बीमारी तक हो सकती हैं.इन्हें खाने से आपकी आंतों से जुड़ी कई जानलेवा बीमारियों का खतरा है.अगर आप जरूरत से ज्यादा एंटीबॉयोटिक्स का सेवन करते हैं तो आपके लिए ये खतरे की घंटी है.
क्या कहती है रिसर्च ?
- एक रिसर्च में ये पता चला है कि 40 की उम्र के बाद एंटीबॉयोटिक(Antibiotics) दवाएं खाने से IBD यानी इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज का खतरा 48 फीसदी तक बढ़ जाता है.ये रिसर्च ब्रिटिश सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोएन्टरालजी के मेडिकल जर्नल गट BMJ Gut Journal में पब्लिश की गई है.
- इसके मुताबिक, एक से दो साल तक पेट या आंतों के संक्रमण के इलाज में एंटीबॉयोटिक दवाएं लेने के बाद ये खतरा बढ़ जाता है.
- शोधकर्ताओं ने 10 से 60 साल की उम्र के करीब 61 लाख लोगों के हेल्थ डेटा का 18 साल तक विश्लेषण किया.
- इसके जरिये पता चला कि जिन लोगों ने लगातार एंटीबॉयोटिक दवाओं का इस्तेमाल किया. उनमें IBD का खतरा उन लोगों की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गया था, जिन्होंने एंटीबॉयोटिक दवाएं नहीं ली थीं.
- एंटीबॉयोटिक खाने वाले लोगों में 36,017 में अल्सरेटिव कोलाइटिस और 16,881 में क्रोहन डिजीज के लक्षण पाए गए.
- जिन लोगों को एंटीबॉयोटिक दवाएं नहीं दी गईं, उन लोगों की तुलना में एंटीबॉयोटिक खाने वाले 10 से 40 साल के लोगों में IBD की आशंका 40 फीसदी ज्यादा पाई गई.वहीं, 40 से 60 साल के लोगों में IBD का जोखिम 48 फीसदी ज्यादा पाया गया.
- स्टडी में ये भी सामने आया कि 1 से 2 साल तक एंटीबॉयोटिक लेते रहने के बाद IBD का जोखिम सबसे ऊंचे लेवल परनोलोन से था
- इन एंटीबॉयोटिक का ज्यादातर इस्तेमाल आंतों के संक्रमण के इलाज में होता है.स्टडी में पाया गया कि, नाइट्रोफ्यूरेंटोइन एकमात्र ऐसी एंटीबॉयोटिक दवा थी, जिससे IBD का खतरा नहीं बढ़ा.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.
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