World Social Justice Day 2023: आज पूरी दुनिया में इतनी समस्या बढ़ गई है जिसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है. इन बढ़ती समस्याओं को देखते हुए आज सामाजिक न्याय की जितनी जरूरत है, शायद पहले इतनी नहीं थी. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि आखिर आज इतनी सामाजिक न्याय की आवश्यकता क्यों महसूस होती है?
इसकी वजह यह है कि आज के हालात में यह आवश्यकता उतनी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती है, जितनी पहले दिखाई पड़ती थी. आज पूरी दुनिया में राजनैतिक वर्चस्व दिख रहा है, साथ ही इसका विभाजन भी पहले से अधिक हो रहा है. इसके अलावा समुदायों में असुरक्षा ज्यादा बढ़ रहा है. इसलिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा (United Nations) हर साल साल 20 फरवरी को सामाजिक न्याय विश्व दिवस (World Day for Social Justice 2023) मनाया जाता है. बता दे इस साल संयुक्त राष्ट्र ने “सामाजिक न्याय के लिए अवसरों उजागर करने और बाधाओं को पार करना” की थीम रखी है.
इस साल सामाजिक न्याय के किस पहलू पर जोर
इस साल संयुक्त राष्ट्र और उसकी सहयोगी संस्था इस वर्ष की थीम समाज के लिए अवसर उजागर करने और वैश्विक एकता को मजबूत करने के लिए काम करेगी. बता दे इस वर्ष यूनाइटेड स्टेट सरकारों में एक बार फिर से विश्वास जगाने के लिए “सामाजिक न्याय के लिए बाधाएं पार करने और अवसरों को खोलने” कोशिश करेगी, जो भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
World Social Justice Day 2023: सभी के लिए मौका
विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर संयुक्त राष्ट्र, युवाओं, सामाजिक साथी, नागरिक समाज, संस्थाएं, सदस्य देशों और अन्य संगठनों को एक संवाद स्थापित करने का अवसर देगी. जिसमें संवाद में बढ़ती असमानता , कमजोर हो चुके संस्थान, और विवाद के कारण टूटी हुई सामाजिकता को मजबूत करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
World Social Justice Day 2023: क्या क्या किया जायेगा?
इस वर्ष सामाजिक न्याय युवाओं के लिए कई जरूरी कदम उठा सकती है. साथ ही डिजिटल, हरित और अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान केंद्रीय करेगी. इसके अलावा इसके तहत सम्मानजनक नौकरियों में निवेश के अवसर भी दिलाए जा सकते हैं.
क्यों मनाया जाता है विश्व सामाजिक न्याय दिवस
एक समय था जब अमेरिका में काले गोरे का भेदभाव अपने चरम पर था. जिसे खत्म करने के लिए सबसे पहले आंदोलन कि शुरुआत वर्ष 1950 से 60 के बीच की गई थी. क्योंकि उस टाइम हर देश किसी न किसी तरह के भेदभाव का मार झेल चुका था, जिसे खत्म करने के लिए और लोगों में सामाजिक न्याय को लेकर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए ये दिवस महत्वपूर्ण है. लेकिन इससे पहले यह जानते हैं कि यह दिवस किस तरह अस्तित्व में आया. तो आपको बता दें कि वर्ष 1995 में डेनमार्क में स्थित कोपेनहेगन में सर्वप्रथम समाजिक विकास के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जो बाद में कोपेनहेगन घोषणा और कार्य योजना के रूप में सामने लाया गया.
इस सम्मेलन में 100 से अधिक राजनीतिक नेता शामिल हुए थे, जिन्होंने गरीबी उन्मूलन, रोजगार प्रदान करने और सुरक्षित और न्यायपूर्ण समाज को बनाने का एक संकल्प लिया. 2005 में कोपेनहेगन घोषणा और कार्य योजना की समीक्षा की गई. इसके बाद वर्ष 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सामाजिक न्याय की भावना और आवश्यकता को समझा और 26 नवंबर 2007 को आधिकारिक घोषणा की और कहा कि महासभा के 60वें सत्र से शुरू होकर 20 फरवरी को विश्व समाजिक न्याय दिवस मनाया जाएगा. हालंकि, सामाजिक न्याय दिवस दो साल बाद वर्ष 2009 में पहली बार मनाया गया था.
समाजिक संरक्षण का बड़ा अभाव
दरअसल आज बहुत सारे मजदूरों को महामारी के पूर्व की तरह वेतन या भत्ता नहीं मिल रहा है वहीं लिंग आधारित भेदभाव भी लगातार बढ़ ही रहा है. बढ़ती खाद्य और सामग्री की कीमतें गरीबों पर बहुत असमान्यरूप से प्रभाव डाल रहे हैं और इससे छोटे व्यवसाय भी अछूते नहीं हैं और सबसे ज्यादा अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है. बता दे दुनिया की करीब आधे से ज्यादा आबादी सामाजिक संरक्षण से बची है.
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