Supreme Court: साल 2020 कोरोनावायरस के भारत आने से पहले भारतीय रेलवे (Indian Railways) के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन के सफर में किराए में काफी छूट दी जाती थी. लेकिन कोरोना महामारी के बाद भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली किराए में सहूलियत को खत्म कर दिया. जिसके बाद अभी तक वरिष्ठ नागरिकों को वह छूट नहीं मिल सकी है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी वरिष्ठ नागरिकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. आइए आपको बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या कुछ कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बड़ी बात
सुप्रीम कोर्ट वरिष्ठ नागरिकों को झटका देते हुए कहा है कि रेलवे द्वारा किराए में छूट देने वाला मामला शासकीय नीति का है इसलिए अदालत द्वारा सरकार को इसमें निर्देशित करना सही नहीं है.बता दें याचिकाकर्ता एमके बालाकृष्णन ने वरिष्ठ यात्रियों को रेलवे किराए में छूट के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
ये भी पढ़े- Weather Update: दिल्ली NCR समेत इन राज्यों में होगी बारिश,जानें क्या रहेगा आज का तापमान
याचिका हुई खारिज
याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके कॉल और जस्टिस एहसानुद्दीन की पीठ ने यह टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार को सीनियर सिटीजन की आवश्यकताओं और राजकोषीय परिणामों को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर निर्णय करना है. इसमें कोर्ट का सरकार को निर्देश देना उचित नहीं है इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है.
वर्ष 2020 से पहले मिलती थी किराए में इतनी छूट
बता दें केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए और लोगों की आवाजाही को कम करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को किराए में दी जाने वाली सहूलियत की सुविधा को बंद कर दिया गया था. पहले ऐसे वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है उनको किराए में 40% की छूट और 58 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 50% तक की छूट रेलवे द्वारा दी जाती थी. सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद बुजुर्ग नागरिकों में मायूसी छा गई है.
आपके लिए – भारत से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें