ITR: इनकम टैक्स रिफंड प्राप्त करने वालों को आयकर विभाग एक बड़ी खुशखबरी देने वाला है. जी हां प्राप्त जानकारी के मुताबिक आयकर विभाग और टैक्स रिफंड की समय अवधि जो फिलहाल 16 दिन है उसे घटाकर 10 दिन करने की योजना पर कम कर रहा है. आपको इसकी जानकारी के बारे में विस्तार से बताते हैं
अगले वर्ष 10 दिन हो सकती है समय सीमा
इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है. इस साल 6. 77 करोड़ से भी ज्यादा आईटीआर दाखिल किए गए हैं. बता दें अगर कोई आइटीआर भरता है तो सरकार द्वारा उसका भुगतान होने में 20 से 45 दिन का समय लग जाता था जिसे आयकर विभाग ने इस वर्ष लगभग 16 दिन कर दिया है. अब आयकर विभाग की मंशा है कि इस 16 दिन से घटकर 10 दिन कर दिया जाए संभावना व्यक्त की जा रही है की अगले वित्तीय वर्ष से इसकी समय सीमा 10 दिन हो सकती है.
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ITR कब कराना होता है वेरीफाई
विशेषज्ञों के मुताबिक आइटीआर भरने के बाद उसी वेरीफाई भी 30 दिनों के अंदर कराना पड़ता है. किसी व्यक्ति ने अपना आईटीआर अगर भरा है और उसमें कोई गलती हो जाती है तो उसे दोबारा अपना आईटीआर भरना पड़ेगा और लेकिन उससे पहले पहले वाले आईटीआर अनिवार्य वेरीफाई कराना पड़ेगा.
ITR से होते हैं यह फायदे
अगर कोई व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न भरता है तो उसे आसानी से किसी भी बैंक द्वारा लोन मिल जाता है. आइटीआर एक प्रकार से लोन को स्वीकृत कराने के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होता है. जब कोई व्यक्ति आईटीआर फाइल करता है तो सरकार उसको कुछ छूट भी देती है.
इनको भरना होता है ITR
- ऐसा व्यक्ति इसकी आए एक लिमिट में है लेकिन उसके 1 या उससे अधिक करेंट अकाउंट में 1 करोड़ से अधिक राशि है तो उसे आइटीआर भरना होगा.
- कोई कंपनी हो या कोई फर्म उसे भी आइटीआर फाइल करना होता है चाहे वह लाभ में रहे या नुकसान में.
- कोई भी व्यक्ति जो बिजली का बिल 1 लाख रुपए से अधिक भरता हो उसे भी आईटीआर भरना होता है.
- यदि कोई व्यक्ति अपनी विदेश यात्रा के दौरान 2 लाख या उससे अधिक खर्च करता है तो वह भी आईटीआर के दायरे में आता है.उम्मीद करते हैं ये जानकारी आपको पसंद आई होगी और इसे आप दूसरों के साथ शेयर करेंगे.
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