Diwali Beliefs: हिंदू संस्कृति में प्रत्येक त्योहारों के पीछे एक बहुत बड़ा इतिहास छिपा होता है. दिवाली के ठीक एक दिन पहले घर की बुजुर्ग महिलाओं द्वारा यम का दीया निकाला जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिन निकाली जाने वाली यम के दीया में चार बत्तियां होती है जिसे सरसों के तेल से जलाया जाता है. इसे जलाकर घर से बाहर करने से घर से दुख, दरिद्र और बीमारियां दूर चली जाती हैं. आइए जानते हैं दीपावली के ठीक एक दिन पहले निकाली जाने वाली यम के दीये की पुरानी मान्यताओं के बारे में…
यम का दीया जलाने की क्या है परम्परा
यम का दीया धनतेरस की रात में निकाली जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार छोटी दीपावली के दिन यम दीपक जलाया जाता है. यम दीपक जलाने से घर से कई तरह की अदृश्य शक्तियां दूर हो जाती हैं. यम दीपक निकलते समय दक्षिण दिशा में रखने से पितर भी प्रसन्न होते हैं.
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यम के दीये से तृप्त होते हैं पितर
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के एक दिन पहले निकल जाने वाली यम के दीये से पितर तृप्त होते हैं और आशीर्वाद भी देते हैं. सूर्यास्त के बाद निकाली जाने वाली प्रकाशमय दीये से पितरों के मार्ग को प्रकाश मिलता है. दक्षिण दिशा में पितरों का वास होने के कारण यम के दीये को दक्षिण दिशा में ही जलायी जाती है.
यम के दीये से अकाल मृत्यु का क्या है संबंध
दिवाली के एक दिन पहले निकाली जाने वाली यम के दीये से चारों दिशाओं को प्रकाशमय बनाया जाता है. बुजुर्गों द्वारा घर से बाहर निकाली जाने वाली यह दीया घर के लोगों को अकाल मृत्यु से बचाती है.
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