Meditation To Control Uric Acid Level: ध्यान योग की वह प्रक्रिया है जिसकी सहायता से घर बैठे कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जाता है. ध्यान एक खास तरह का योग है जो व्यक्ति के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है जिससे व्यक्ति दिनभर तंदुरुस्त और स्वस्थ रहता है. ध्यान से शरीर की कमजोरी, डिप्रेशन, बेचैनी, अवसाद और कमजोर याददाश्त संबंधित जैसी कई बीमारियों से भी राहत मिलती है.
मेडिटेशन से यूरिक एसिड कैसे करें कंट्रोल
यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने के लिए बाजार में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध है लेकिन यदि आप इस नेचुरल तरीके से कंट्रोल करना चाहते हैं तो मेडिटेशन के कई ऐसे आसान है जो काफी हद तक नियंत्रित करने में सहायता कर सकते हैं.
गोमुखासन तनाव के लिए लाभकारी
शरीर में यूरिक एसिड लेवल बढ़ाने के दौरान तनाव भी बढ़ जाता है. गोमुखासन से पीठ और बाहों की मांसपेशियों को मजबूत किया जा सकता है. इस योगासन से शरीर में यूरिक एसिड लेबल कंट्रोल होता है. रोजाना इस अभ्यास को करने से शरीर से थकान और तनाव दूर होता है.
• गोमुखासन करने के लिए बिस्तर पर क्रॉस लीग की मुद्रा में बैठ जाएं.
• अपने दाएं पैर को बाएं पैर के जांघों पर रख लें.
• दाएं हाथ को कंधे के ऊपर रखकर पीठ के पीछे जितना हो उतना ले जाएं.
• उसके बाद बाइक कोनी को पीछे की ओर लाकर दोनों हाथों को एक साथ मिला लें.
• इस स्थिति में कुछ देर तक बैठे रहे और गहरी सांस लें.
यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है ताड़ासन
ताड़ासन मेडिटेशन का एक आसान है जो शरीर में यूरिक एसिड लेवल को काम करता है. इस योग से मस्तिष्क शांत रहता है.
• इस आसन को करने के लिए बिस्तर पर सीधे खड़े हो जाएं.
• दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करते हुए कान के तरफ से सीधा ऊपर ले जाएं.
• जितना संभव हो उतना स्ट्रेट करते हुए पेट और चेस्ट की तरफ ले जाएं. इस दौरान एड़ियों को जमीन पर ही रखें.
• इस योग को लगभग 15 से 20 सेकंड तक करते रहे फिर हाथों को वापस खींच लें.
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धनुरासन से हड्डियां होती हैं मजबूत
धनुरासन को करने से शरीर के हड्डियों और मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह होता है. जिससे हड्डियां और मांसपेशियां लचीली होती हैं.
• धनुरासन को करने के लिए पेट के बल लेट कर दोनों हाथों को पैरों के पास रखना चाहिए.
• अपने घुटने को ऊपर की ओर मोड़कर पकड़ने की कोशिश करनी चाहिए.
• गहरी सांस लेते हुए सीने को ऊपर उठाएं और पैरों को नीचे रखें.
• इस योग को करीब 15 से 20 सेकंड करने के बाद पुनः पूर्ववत अवस्था में आ जाएं.
नोट: लेख में दी गई जानकारी की सटीकता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. लेकिन फिर भी इस पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. हमारा उद्देश्य आपको सिर्फ जानकारी उपलब्ध कराना है. Bloggistan इसकी नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेता.
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