Papaya For Health: यदि आप के बाजार से पका पपीता खरीद कर लाते हैं और वह खराब निकल जाता है तो वह कैंसर का भी कारक बन सकता है. दरअसल एक रिपोर्ट के अनुसार कारबाइड से पकाए जाने वाले फल अंदर से अधिक अधकच्चे रह जाते हैं. कारबाइड से पकाए गए फल के सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भय बढ़ जाता है. सरकार द्वारा कारबाइड पर बैन लगाया जा चुका है लेकिन फिर भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
पपीता खरीदते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
• पके हुए पपीते में पीले रंग की एक धारियां बन जाती हैं. जिन पपीता में पीले रंग की धारियां नहीं है. वे अच्छे से पकके नहीं होते हैं इसलिए उनको नहीं खरीदना चाहिए.
• कई बार पपीते के ऊपर पीले रंग का छिड़काव कर दिया जाता है जिससे वह एकदम ताजा नजर आता है. ऐसा पपीता अंदर से सड़ा हो सकता है.
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• पपीते को खरीदते समय उसके पिछले हिस्से को हल्का सा दबा कर देखें यदि वह अच्छे से दब रहा हो तो वह पक्का हुआ है. यानी उसे खरीदा जा सकता है.
• पपीते के ऊपर यदि फंगस लग जाए तो उन्हें नहीं खरीदना चाहिए. वह कई तरह की बीमारियों का कारण बन जाते हैं.
• पपीते को खरीदते समय उसे नाक से अच्छे से खुशबू लें. यदि खुशबू अच्छी आ रही होगी तो वह अच्छे से पक्का होगा.
अच्छे और पक्के पपीता की पहचान
• पपीता अगर नारंगी धारी वाला दिख रहा है तो वह अच्छे से पका हुआ है.
• पपीता के चारों तरफ कहीं भी हरापन दिख रहा है तो इसका मतलब और पपीता कच्चा है.
• पपीते में पीले रंग की जगह सफेद रंग की धारियां दिखे तो वह भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती हैं.
• अच्छे और पक्के पपीता से शानदार खुशबू आती है जो पहले ही बताती है कि वह खाने योग्य है.
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