Panic Attack: पैनिक अटैक एक ऐसा दौरा है जिसके बारे में इंसान को पहले से मालूम नहीं होता है. और आज के समय में ज्यादातर लोग इस पैनिक अटैक का शिकार होते हैं. इस अटैक के आने का मुख्य वजह चिंता है. जब आप गर्ती चिंता में खोए रहते हैं तब यह अटैक आ सकता है. जब पैनिक अटैक आता है, तो व्यक्ति के शरीर से बहुत पसीना आ सकता है, सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और ऐसा महसूस हो सकता है कि आपका दिल दौड़ रहा है.
ऐसे में लोग इस टाइम काफी घबरा जाते हैं और आपको उस टाइम कुछ नहीं सूझता है कि क्या करें और क्या न करें. जिसके चलते कई बार लोगों की जान भी चली जाती है. इसलिए आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि अटैक के समय क्या करना चाहिए. तो चलिए आपको बताते हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय.
क्यों आता है पैनिक अटैक?
अभी तक पैनिक अटैक के ठोस कारण का पता नहीं चल पाया है. हालांकि, कुछ स्टडी में यह खुलासा किया गया है कि इस अटैक का मुख्य वजह एंग्जायटी, डर है. इसके आने का कोई निश्चित समय नहीं है. यह कभी भी किसी को आ सकता है. लेकिन इस अटैक के आने का चांस उस टाइम सबसे ज्यादा होता है जब कोई व्यक्ति किसी चीज को सुनकर अचानक से घबरा जाता है. यह अटैक कुछ क्षणों के बाद ठीक हो जाती है.
Panic Attack के लक्षण
- तेज गति से दिल का धड़कना
- पसीना आना
- कांपना या हिलना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- ठंड लगना
- पेट में ऐंठन होना
- छाती में दर्द होना
- सिर में दर्द होना
- हाथ पैर में झुनझुनी लगना
- घबराहट होना
- अधिक चिंता करना
कैसे करें बचाव?
यदि आपको पैनिक अटैक आता है तो सबसे पहले आप डॉक्टर के पास जाएं. इसके बाद जब आप ठीक हो जाएं तो रोजाना एक्सरसाइज़ करें, मेडिटेशन का सहारा लें, अरोमाथेरपी का सहारा लें, सांस वाले व्यायाम करें. क्योंकि पैनिक अटैक आने से आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही इससे आपके दिमाग पर भी असर पड़ता है. ऐसे में आप इससे उबरने के लिए ऐसा करें ताकि आप जल्दी से खुद को रिकवर कर लें.
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