Mothers Day 2023 : हर साल मई के महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है. अप्रैल का महीना खत्म होते ही लोग बेसब्री से मदर्स डे का इंतजार करने लगते हैं. इस साल मदर्स डे 14 मई को मनाया जाएगा. इस दिन लोग अपने सोशल मीडिया साइट से लेकर रियल लाइफ में मदर्स डे को खूब जमकर सेलिब्रेट करते हैं. क्योंकि पूरे साल मां बच्चों के लिए इतना कष्ट झेलती हैं, उनके उज्वल भविष्य का कामना करती है. ऐसे में एक बच्चे का भी फर्ज होता है कि वह अपने मां के लिए कुछ खास करें. इस दिन बच्चे सेलिब्रेशन के जरिए अपनी मां के समर्पण और त्याग को सम्मान देते हैं. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि मदर्स डे को मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
Mothers Day 2023 : कैसे हुई थी मदर्स डे मानने की शुरुआत
सर्वप्रथम मदर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका में की गई थी. अमेरिका में रहने वाली एना जॉर्विस नाम की एक महिला अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं. मां की देखभाल करने के लिए उन्होंने खुद शादी नहीं की थी. लेकिन जब उनकी मां की मृत्यु हो गई तो एना को अपनी मां बहुत याद आती थी, जिस वजह से वह हमेशा यही चिंतन करती थी कि एक मां पूरे जीवन अपने बच्चों के लिए क्या क्या नहीं करती है. लेकिन फिर भी लोग उनके त्याग और समर्पण की सराहना नहीं करते हैं.
ऐसे में उनके दिमाग में एक विचार आता है कि साल में एक ऐसा दिन होना चाहिए जिस दिन बच्चे अपनी मां के निस्वार्थ प्रेम, त्याग और समर्पण के लिए उन्हें शुक्रिया कह सकें. जिसके से एना ने अपनी मां के पुण्य तिथि को मदर्स डे के रूप में मनाना शुरू कर दिया. तब से लेकर आज तक यह चलते आ रही है.
आखिर मई के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है मदर्स डे
एना की मां जब मर जाती है तब वह अपने जीवन में वह बिलकुल अकेला हो जाती है. जिस वजह से उन्होंने अपना पूरा जीवन निस्वार्थ भाव से लोगों के सेवा में समर्पित कर दिया. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एना ने घायल अमेरिकी सैनिकों की सेवा भी एक मां की तरह किया, जिसको देखते हुए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने एना के सम्मान में एक लॉ पास किया. जिसमें उन्हें प्रत्यक्ष रूप से मदर्स डे मनाने की स्वीकृति दे दी गई.
अमेरिकी संसद में कानून पास होने के बाद यह फैसला लिया गया कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में मनाया जायेगा. पहले ये दिन केवल अमेरिका में सेलिब्रेट होता था, लेकिन अब इसे यूरोप, भारत आदि कई अन्य देशों में भी मनाया जाता है.