Historic Victories Of Women 2022: हमारा समाज एक पुरुष प्रधान समाज है. जिसमें सभी फैसले पुरुषो के द्वारा ही लिए जाते हैं. आज भी महिलाओं को अपने मन से कुछ करने की आजादी नहीं दी गई है. हम भले ही चांद पर पहुंच गए है लेकिन कई क्षेत्रों में महिलाओं को आज भी लिंग भेदभाव व असमानता का सामना करना पड़ रहा है. इस असमानता को झेल रहीं महिलाओं के लिए लगातार सरकार द्वारा कई बड़े और ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं, जो उन्हें समाज में पुरुषों के समान पायदान पर लाने में मदद करें.
साल 2022 इन्हीं ऐतिहासिक प्रयासों का साल रहा. साल 2022 में कुछ ऐसे बड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए, जो महिलाओं के हक में रहे. महिलाओं के अधिकारों को बढ़ाने, उन की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए इस वर्ष कई बड़े फैसले लिए गए है जो, नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है. तो आइए जानते हैं महिलाओं के हक में हुए महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में..
गर्भपात का फैसला:
वर्ष 2022 सितंबर में भारत की सर्वोच्च अदालत में महिलाओं के हक में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने देश की विवाहित और अविवाहित, सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दे दिया. कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला को 20 से 24 सप्ताह के बीच गर्भपात का अधिकार होगा। उनके विवाहित या अविवाहित होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
मैरिटल रेप भी बलात्कार है
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए टिप्पणी करते हुए ‘मैरिटल रेप’ को भी बलात्कार की श्रेणी में रखा गया है. अदालत ने कहा कि पति द्वारा बिना महिला की अनुमति के किया दुष्कर्म बलात्कार है. इसलिए मैरिटल रेप की दशा में भी 24 सप्ताह की तय सीमा में पत्नी अनचाहे भ्रूण को समाप्त करने का अधिकार रखती है.
बच्चे के उपनाम का अधिकार
इसी साल जुलाई 2022 में सर्वोच्च न्यायालय ने माताओं के हक में फैसला सुनाते हुए बच्चे का उपनाम तय करने का अधिकार दिया. पुनर्विवाह करने वाली महिलाओं के लिए यह महत्वपूर्ण फैसला है, जिसमें कहा गया कि बच्चे का एकमात्र प्राकृतिक अभिभावक मां होती हैं, इसलिए बच्चे का उपनाम तय करने का अधिकार मां का होगा.
क्रिकेट में समान वेतन
साल 2022 खेल जगत की महिलाओं के लिए भी उपलब्धियों वाला वर्ष रहा. आज से पहले देश में महिला क्रिकेटर को पुरुष की तुलना में कम पैसे मिलते थे लेकिन, इस साल भारतीय क्रिकेटरों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया. अब महिलाओं को भी पुरुषो के समान वेतन दिए जायेंगे.
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