Hindi Diwas 2023 : हिंदुस्तान की पहचान हिंद यानी हिंदी से है. हिंदी भाषा को विश्व के प्रमुख भाषाओं में से एक माना जाता है. इस भारत ही नहीं विदेशों में भी बोला जाता है. भारत की राजभाषा कहे जाने वाली हिंदी आज दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा बन गई है. इतना ही नहीं, आप इसके महत्ता का पता इस बात से भी लगा सकते हैं कि विदेशों से बच्चे हिंदी साहित्य की शिक्षा लेने भारत आते हैं.
इस दिन मनाते हैं हिंदी दिवस
हम सभी हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं क्योंकि 14 सितंबर 1946 को विधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी. हालांकि, इस दिन से देशभर में हिंदी दिवस मनाने की घोषणा नहीं की गई. आजादी के 6 साल बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने आधिकारिक तौर पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की घोषणा किया. जिसके बाद से ही देश भर में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हो गई. बता दें, हमारे देश में कुल 22 भाषाओं को आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त है जिसमें हिंदी भाषी क्षेत्र अधिक है.
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Hindi Diwas 2023 : आखिर क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजो ने सालों हमारे देश पर शासन किया. उन्होंने हमारी मातृ भाषा हिंदी को खत्म कर अंग्रेजी का अधिपत्य जमाने की कोशिश की. हालांकि उनका ये प्रयास काफी हद तक सफल भी हो गया. जिसके बाद जवाहरलाल नेहरू, महत्मा गांधी जैसे महान व्यक्तिव ने हिंदी के अस्तित्व को खतरें में पड़ता देख कई अभियान चलाएं.
उनकी ये कोशिश रंग लाई और आखिरकार 1946 में इसे आधिकारिक तौर पर देश में स्वीकृति मिली. लेकिन फिर भी हिंदी को पूरी तरह से आजादी नहीं मिली. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी के बाद हिंदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा देने के लिए कहा किंतु दक्षिण भारत के लोगों के विरोध के कारण इसे राजभाषा घोषित किया गया. और यही कारण है कि हम हर साल लोगों को हिंदी की महत्त्व को समझने के लिए हिंदी दिवस मनाते हैं.
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