Lal Bahadur Shastri Jayanti: लाल बहादुर शास्त्री जी का असल राम लाल बहादुर श्रीवास्तव था लेकिन काशी विद्यापीठ से स्नातक की शिक्षा पूर्ण करने के बाद वे अपने नाम के अंत में शास्त्री लगने लगे थे. शास्त्री जी पढ़ने के दिनों में काफी तेज दरार विद्यार्थियों में गिने जाते थे. घर में छोटा होने के कारण उन्हें नन्हे भी बुलाया जाता था. 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की विषम परिस्थिति को लाल बहादुर शास्त्री ने देश को संभाले रखा. किसान और सुना के जवान के महत्व को बताने के लिए उन्होंने जय जवान और जय किसान का नारा भी दिया.
शास्त्री जी ने पत्नी का किया था विरोध
लाल बहादुर शास्त्री स्वतंत्रता की लड़ाई में 17 वर्ष की उम्र में ही पहली बार जेल गया लेकिन नाबालिक होने की वजह से उन्हें छोड़ दिया गया. स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए लाल बहादुर शास्त्री कई बार जेल गए. इस दौरान एक बार उनकी पत्नी उनसे मिलने जेल गई और चुरा कर दो आम भी ले गई. जिसे लेने के बजाय शास्त्री जी ने उसका विरोध करना शुरू कर दिया.
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रहस्यमय तरीके से हुई थी शास्त्री जी की मृत्यु
11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री पाकिस्तान युद्ध की बात हालातो को लेकर समझौता के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से मिलने ताशकंद गए हुए थे. पाकिस्तान के राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और वही उनकी मौत हो गई. हालांकि जांच के बाद उनके मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया था. पार्थिव शरीर को भारत ले जाने के बाद प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान भी थे.
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