Gaslight Review:”रागिनी एमएमएस”, “भूत पुलिस”, “फोबिया” और “डियर एट द मॉल” जैसी सस्पेंस थ्रिलर पर आधारित कहानियां लिखने वाले लेखक और निर्देशक पवन कृपलानी की बहुप्रतीक्षित फिल्म “गैसलाइट” डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई है. पटौदी खानदान की बेटी यानी सारा अली खान, चित्रांगदा सिंह, विक्रांत मेसी फिल्म नव्या दमची फोली में शानदार अभिनय करती नजर आ रही हैं. सस्पेंस, थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री फिल्म “गैसलाइट” बेहद रोमांचक और मनोरंजक है. तो आइए देखते हैं, कैसी है यह फिल्म-
उलझी हुई मिस्ट्री भरपूर हैं सारा और विक्रांत की फिल्म गैसलाइट (Gaslight Review)
फिल्म “गैसलाइट” सस्पेंस और थ्रिलर पर आधारित है. फिल्म मीशा (सारा अली खान) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक विकलांग लड़की है जो अपने पिता के कहने पर घर लौटती है; लेकिन उसके पिता घर पर नहीं हैं. वह सबसे पूछती है, लेकिन कोई उसे ठीक से जवाब नहीं देता. फिर वह अपने पिता को खोजने लगती है. खोजते समय, उसका शक उसकी सौतेली माँ रेणुका (चित्रांगदा सिंह) पर पड़ता है. वहीं, उनके पिता के बॉडीगार्ड कपिल (विक्रांत मेसी) की भूमिका में नज़र आ रहे हैं. सारा ने सुलझाई इस पूरी मर्डर मिस्ट्री को. इस यात्रा में उसे किन बाधाओं, उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ता है.
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फिल्म के लिए कास्ट बहुत अच्छे से चुनी गई है. सारा अली खान अपने अब तक के सबसे बेहतरीन किरदारों में से एक में नज़र आ रही हैं. उनके दमदार अभिनय को इस फिल्म की यूएसपी माना जाना चाहिए. सारा, जो कभी-कभी चुलबुली और लापरवाह दिखती है, बहुत गंभीर और आकर्षक है. साथ ही एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह न सिर्फ एक बेहतरीन एक्ट्रेस हैं, बल्कि सौतेली मां के रोल के लिए भी उन्हें बखूबी चुना गया है. साथ ही वेब सीरीज में क्वॉलिटी रोल प्ले करने वाले एक्टर विक्रांत मेसी अपनी परफॉर्मेंस का 100 फीसदी देने की कोशिश करते नजर आते हैं. फिल्म इन तीन मुख्य अभिनेताओं के इर्द-गिर्द घूमती है.
फिल्म के लिए लेखन, निर्देशन और पटकथा लेखन के महत्वपूर्ण पहलुओं को बहुत ही कुशलता से संभालने वाले निर्देशक पवन कृपलानी ने फिल्म को शानदार ढंग से लिखा है. किसी फिल्म की असली सफलता उसकी कास्ट और कहानी में होती है. अगर अभिनेताओं को सही तरीके से चुना जाएगा, तभी फिल्म चमकेगी। जब सारा अली खान, चित्रांगदा सिंह और विक्रांत मेसी की शक्तिशाली तिकड़ी एक साथ आती है, तभी फिल्म दर्शकों को बांधे रखती है. इस फिल्म में कोई गाना नहीं है, बैकग्राउंड म्यूजिक ही कहानी को आगे बढ़ाता है. इसके अलावा फिल्म में गाली-गलौज या मारपीट जैसा कुछ भी नहीं दिखाया गया है. इसलिए यह फिल्म परिवार के साथ देखने के लिए बनी है.
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