Career in ISRO: इसरो का मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा की उत्तरी ध्रुव पर पहुंचकर खोज करने में लगा हुआ है. तो वहीं अब आदित्य L1 भी सूर्य के समीप खोज में निकल गया है. पिछले 23 अगस्त शाम 6:30 बजे चंद्र यह 3 चंद्रमा के उत्तरी ध्रुव पर लैंड हुआ था. भारत की इस उपलब्धि ने दुनिया भर में भारत की शान बढ़ा दी है. हालांकि भारत को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत रही है. तो आज हम इस आर्टिकल में समझेंगे कि साइंटिस्ट की फैक्ट्री कैसे तैयार होती है यानी कि साइंटिस्ट कैसे बन जाता है और इसरो में कैसे काम करने का मौका मिल सकता है ?
स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए करनी होती है ये पढ़ाई
इसरो (ISRO) में साइंटिस्ट बनने की जिज्ञासा रखने वाले छात्रों को पहले इंजीनियरिंग या साइंस स्टैंडर्ड से कोर्स करना पड़ता है. आमतौर पर इसरो में कंप्यूटर इंजीनियरिंग, गणित, अंग्रेजी, मैकेनिकल इलेक्ट्रिक और एचडी उम्मीदवारों की भर्ती होती है. वहीं अगर आप स्पेस साइंटिस्ट के पढ़ाई के बारे में बात करें तो इसके बारे में आपको विस्तार से जानने की जरूरत है. जैसे की
• छात्र 12वीं कक्षा से फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ विषय में पास होना चाहिए.
• 12वीं कक्षा में 75% अंक हासिल करने के बाद छात्रा को किसी इंजीनियरिंग संस्थान में दाखिला लेना होगा.
• यहां छात्र को इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग, रेडियो इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और अन्य संबंधित क्षेत्र में B. Tech की पढ़ाई करनी पढ़ती है.
ये भी पढ़े :Part time jobs: पढ़ाई के साथ करें बिना किसी रोकटोक के अच्छी कमाई, पार्ट टाइम जॉब में चुने ये बेस्ट विकल्प
क्या स्किल होना जरूरी ?
• स्पेस साइंटिस्ट बनने के लिए कड़ी मेहनत और लगन के साथ जुनून होना बेहद जरूरी होता है.
• छात्र को किताबिक ज्ञान के साथ-साथ प्रेक्टिकल नॉलेज भी होना चाहिए.
• छात्र को अपनी भाषा के अलावा अन्य कई भाषाओं का भी ज्ञान होना चाहिए.
• छात्र किताब विज्ञान के अलावा देश-विदेश के महान वैज्ञानिकों के रिसर्च पेपर को भी पढ़ सके.
ये हैं टॉप यूनिवर्सिटी
• कैंब्रिज यूनिवर्सिटी
• टोक्यो यूनिवर्सिटी
• म्यूनिख लुडविग मैक्सिमीलियंस यूनिवर्सिटी
• हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
• ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
• मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी
आपके लिए – शिक्षा से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें