Oxfam India Report: इस बात पर हमेशा बहस छिड़ी रहती है कि, अमीर और अमीर हो रहा है और गरीब और गरीब.क्या आप जानते हैं कि, अगर अमीर लोग चाह लें तो वो 18 महीने तक सरकार का खर्च उठा सकते हैं.कोरोना महामारी के दौरान जहां गरीब आटे दाल के लिए भी जूझ रहा था.तब देश के अमीर और अमीर हो रहे थे. गरीब और गरीब हो रहे थे. लेकिन अब आप सोच रहे होंगे, आखिर ऐसा कैसे हो सकता है.तो जनाब आप भारत को कम नहीं आंकें.
देश में 21 करोड़ भारतीय ऐसे हैं जिनके पास 70 करोड़ आबादी से ज्यादा पैसा है और इस बात का खुलासा इंडिया की नई रिपोर्ट ऑक्सफैम(Oxfam India New Report) में हुआ है. कोरोना महामारी के दौरान अमीरी और गरीबी का ये अंतर और बढ़ा है.साल 2020 में भारत में अरबपतियों की कुल संख्या 102 थी ये 2022 में बढ़कर 166 हो गई है. जनवरी 2020 से लेकर नवंबर 2022 तक भारत में अरबपतियों की संपत्ति करीब 121 प्रतिशत बढ़ी. यानी हर दिन करीब 3,608 करोड़ रुपये और हर मिनट लगभग 2.5 करोड़ रुपये बढ़े.
1 साल से ज्यादा देश का खर्च उठा सकते हैं अमीर
देश के 100 सबसे धनी लोगों की कुल संपत्ति 54 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है, जबकि वर्ष 2022 में देश का बजट 34.8 लाख करोड़ रुपये था. यानी देश के 100 सबसे धनी लोगों के पैसों से 1 साल से ज्यादा समय तक, इस देश का खर्च चलाया जा सकता है.हमारे देश के सबसे धनी 10 भारतीयों की कुल संपत्ति लगभग 27 लाख करोड़ रुपए है. ये संपत्ति स्वास्थ्य व आयुष मंत्रालय के 30 साल के बजट, शिक्षा मंत्रालय के 26 और मनरेगा के 38 साल के बजट के बराबर है.
अमीरों पर टैक्स लगाने की अपील
अमीरी-गरीबी के अंतर को कम करने के लिए Oxfam india की इस रिपोर्ट में अमीरों पर Wealth Tax लगाने का सुझाव दिया गया है. ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो देश के गरीब ज्यादा टैक्स दे रहे हैं, ऐसे में अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाया जाए. ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा कि, अमीरों की तुलना में गरीब जरूरी चीजों में ज्यादा खर्च कर टैक्स का भुगतान ज्यादा कर रहे हैं.
सरकारी योजनाओं के लिए हम अक्सर सुनते हैं कि कोई योजना इसलिए लागू नहीं हो पाई, क्योंकि उसके लिए बजट नहीं था. जबकि देश के अरबपतियों की संपत्ति पर थो़ड़ा सा WealthTax लगा दें तो कई बड़ी योजनाओं का खर्च इनसे ही पूरा हो जाएगा.
कैसे गरीब दे रहे ज्यादा टैक्स
साल 2021-22 में 14.83 लाख करोड़ रुपये GST कलेक्शन हुआ था, जिसका 64 प्रतिशत हिस्सा देश के सबसे गरीब 50 प्रतिशत लोगों ने दिया था और सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों का योगदान 3 प्रतिशत ही था. इन आंकड़ों को देखें तो 70 करोड़ लोगों से ज्यादा पैसा देश के 21 अरबपतियों के पास है, लेकिन आधे से ज्यादा GST आम आदमी भरता है.
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि, केंद्र सरकार अमीरों की तुलना में गरीबों और मिडिल क्लास पर ज्यादा टैक्स लगा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी मु्ख्य वजह है हमारे देश की टैक्स व्यवस्था. देश के सबसे बड़े 10% अरबपति जितना इनडायरेक्ट टैक्स देते हैं. सबसे गरीब 50 प्रतिशत लोग उससे 6 गुना ज्यादा Indirect tax देते हैं.
ये भी पढ़ें: UIDAI ने आधार कार्ड धारकों के लिए शुरू की चैट सेवा,इन सुविधाओं का ले सकेंगे लाभ,पढ़ें