PKVY: आजकल हमारे देश में रासायनिक उर्वरकों का सबसे ज्यादा प्रयोग हो रहा है जिसके कारण पर्यावरण पर तो बहुत बुरा असर पड़ ही रहा है साथ साथ जमीन भी जहरीली होती जा रही है. जिसके कारण अनाज का उत्पादन लगातार कम होता जा रहा है. इसे गंभीर स्थिति से निबटने के लिए केंद्र सरकार ने “परंपरागत कृषि विकास” (PKVY) योजना को शुरू कर रखा है.आइए इस योजना के बारे में आपको डिटेल में बताते हैं.
इस योजना के द्वारा सरकार रासायनिक खादों पर किसानों की निर्भरता को कम करके जैविक खेती की तरफ उनको ले जाना चाहती है.इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलेगा जो जैविक खेती को करना चाहते हैं. जैविक खेती के करने से उनकी पैदावार तो बढ़ेगी ही साथ साथ खेती की लागत भी कम आएगी. यदि आप भी एक किसान हैं और परंपरागत कृषि विकास योजना का फायदा उठाकर जैविक खेती करना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि आप इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं.
मिलता है इतना अनुदान
आपको बता दें कि परंपरागत कृषि योजना के तहत किसानों को 3 साल के लिए ₹40000 का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है. योजना के तहत पहली किस्त में ₹31000 किसान के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं ताकि वो उससे जैविक उर्वरक (Organic Fertilizer), जैविक कीटनाशक (Organic Pesticide) और उत्तम बीजों (High Quality Seeds) की व्यवस्था कर सकें.बाकी बची शेष राशि आखिर के 2 साल में दी जाती है.जिसका इस्तेमाल किसान प्रसंस्करण (Processing) , पैकेजिंग (Packaging), मार्केटिंग (Marketing) सहित कटाई की व्यवस्था के लिए करते हैं.
ये हैं पात्र
इस योजना का लाभ लेने के लिए पहली शर्त है कि आवेदक किसान होना चाहिए जो खुद खेती करता हो.
आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से ज्यादा की होनी चाहिए.
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