Online shopping fake reviews: हमारे और आपके घरों में ऑनलाइन शॉपिंग करना आम हो गया है.ज्यादातर लोग किसी प्रोडक्ट को मंगाने से पहले उसके रिव्यू चेक करते हैं.यानि ग्राहक इस बात की संतुष्टि चाहता है कि, उसका प्रोडक्ट क्वालिटी के लिहाज से बेहतर हो.
मोदी सरकार ने ऑनलाइन शॉपिंग और सभी तरह की फेक रेटिंग देने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. फेक रिव्यू पर सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की हैं, उसके तहत अब सभी तरह की रेटिंग वाले रिव्यू पहले ही पेज पर दिखाने होंगे
5 स्टार रेटिंग अब नहीं कर सकेगी गुमराह(5 star rating will no longer be able to mislead)
अभी तक ई-कॉमर्स वेबसाइट्स अक्सर लोगों को रिझाने के लिए किसी एवरेज प्रोडक्ट की क्वालिटी को भी बहुत बेहतर बताकर बेच देतीं थीं.इसे ऐसे समझिए कि, जिस प्रोडक्ट की आप वेबसाइट में 5 स्टार रेटिंग या शानदार रिव्यू देखकर मंगा रहे हैं. जरूरी नहीं कि, वो प्रोडक्ट वाकई उतना बेहतर हो.दरअसल, आजकल कंपनियां किसी लो क्वॉलिटी प्रोडक्ट को भी पेड रिव्यूज के जरिए बेस्ट प्रोडक्ट कैटेगरी में दिखा देती हैं.जिससे प्रभावित होकर लोग भी उन प्रोडक्ट्स को तुरंत ऑर्डर कर देते हैं. फेक रिव्यू को केंद्र सरकार ने बड़ा कारोबार माना है.आप में कई लोग ऐसे हैं जो केलव रिव्यू देखकरप्रोडक्ट्स को खरीद लेते हैं.लेकिन ग्राहक के साथ प्रोडेक्ट्स के रिव्यू को लेकर फर्जीवाड़ा नहीं हो इसके लिए बकायदा फ्रेमवर्क तैयार किया गया.मंत्रालय की माने तो भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है
पैसे देकर तारीफ लिखवाना पड़ेगा महंगा
उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक, कई बार ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी वेबसाइट या ऐप पर खुद अपनी किसी सर्विस या प्रोडक्ट्स का रिव्यू करवाती हैं. इसके लिए बाकायदा कई टीमें होती हैं. झूठी तारीफ करने वालों को इनाम के तौर पर कैश बैक या छूट दी जाती है. लेकिन अब कंपनियां ऐसा नहीं कर सकेंगी. अब इन रिव्यू को लिखवाने या पब्लिश कराने से पहले कंपनी को बताना होगा कि ये रिव्यू कब, किससे और क्यों करवाया। ये नियम सभी ई-कॉमर्स कंपनियों,सोशल मीडिया और उन प्लेफॉर्म पर लागू होगा,जो किसी न किसी रूप में रिव्यू को पब्लिश करती हैं.जो भी कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करेगी या किसी कंज्यूमर की तरफ से मिलने वाली शिकायत पर कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा.फेक रिव्यू पर जारी निर्देशों के तहत अब सभी तरह की रेटिंग वाले रिव्यू पहले ही पेज पर दिखाने होंगे
फेक रिव्यू पर क्या–क्या हैं नियम ?
- कंपनियों को रिव्यू की भाषा पर काम करना होगा,रिव्यू के नाम पर अपशब्द नहीं चलेंगे.
- अगर कोई रिव्यू कर रहा है तो बिना उसकी इजाजत के उनकी पहचान सार्वजनिक नहीं की जाए,जिससे कंपनी उसे नुकसान न पहुंचा सकें.
- रिव्यू के फैक्ट पर बात पहले ही वाक्य में होगें.ऐसा न हो कि पहले प्रोडक्ट्स पर अच्छे कमेंट हो बाद में नेगेटिव कंमेंट आगे तीन डॉट्स में छुपा दिए जाए.
- राइवल कंपनी अगर किसी दूसरी कंपनी का नेगेटिव रिव्यू करवाए,तो फेमवर्क तैयार कर इसे भी रोकना होगा.
- प्रोडक्ट्स या सर्विस को स्टार कैसै दिए इसे भी बताना होगा.
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