Basmati Rice : बासमती चावल का भारत में नहीं बल्कि दुनिया में बहुत ज्यादा क्रेज है.हालांकि कई बार जब हम बाजार से बासमती चावल कहकर लाते हैं, लेकिन उसमें वो बात नहीं होती.लेकिन अब बासमती के नाम पर धोखा खाने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है. अब उन्हें धोखे की जगह खालिस बासमती चावल खाने को मिलेगा. क्योंकि अब दुकानदार किसी भी चावल को बासमती के नाम पर नहीं बेच पाएंगे.ना ही असली बासमती चावल में मिलावट कर पाएंगे.ऐसा क्यों हुआ है चलिए जानते हैं.
FSSAI ने तय किए मानक
- दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आने वाले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश में पहली बार बासमती राइस के लिए कुछ मानक तय किए हैं. FSSAI के मानकों के मुताबिक बासमती राइस की महक नैचुरल होनी चाहिए.
- दुकानदार या विक्रेता इसमें आर्टिफिशियल फ्रैगरेंस ऐड नहीं कर पाएंगे. FSSAI के नए मानकों के मुताबिक कारोबारी बासमती में पॉलिशिंग भी ऐड नहीं कर पाएंगे.
- किसी भी आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल अब नहीं किया जा सकेगा.
- गैर बासमती चावल की मिलावट पर भी रोक लगाई जा रही है.
- इसके अलावा चावल के आकार, यूरिक एसिड की मात्रा और नमी की अधिकतम सीमा के मानक भी तय कर दिए गए हैं.
- बासमती को लेकर ये नियम और मानक 1 अगस्त 2023 से प्रभावी हो जाएंगे.
FSSAI ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. ये मानक ब्राउन बासमती, मिल्ड बासमती और लाइट ब्वॉयल्ड बासमती समेत हर तरह की किस्मों के लिए तय किए गए हैं. बेहतरीन लुक, लजीज स्वाद और मनमोहक फ्रैगरेंस की वजह से बासमती चावल की डिमांड भारत के अलावा विदेशों में भी बहुत ज्यादा है. डिमांड ज्यादा होने की वजह से ही बासमती में मिलावट और फर्जीवाड़े का चलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है.
मिल में पॉलिशिंग के जरिए शेप देकर और फिर उसमें नकली गंध मिलाकर सामान्य चावलों को भी बासमती के नाम पर बेचने का काम धड़ल्ले से चल रहा है. मुनाफाखोर जमकर घालमेल करते हैं.लेकिन मानक तय होने के बाद जब आप बासमती घर ले आएंगे तो कीमत बेशक थोड़ी ज्यादा चुकानी पड़े, लेकिन जायका असली बासमती का ही मिलेगा.
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