हर साल सड़क दुर्घटना में लाखों लोगों की जान जा रही है. औसतन हर रोज 400 लोग सड़क दुर्घटना में मारे जा रहे हैं. वहीं भारत सरकार की ओर से देश में बिकने वाली सभी गाड़ियों पर सुरक्षा के लिहाज से विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ऐसे में गाड़ियों में अब कंपनियां सुरक्षा के लिहाज से एयरबैग (Airbag) भी दे रही हैं. इधर केंद्र सरकार की ओर से सभी वाहन निर्माता को आदेश दिया गया है कि, आने वाली सभी गाड़ियों में छ एयरबैग अनिवार्य रूप से दें. तो आई आज हम जानते हैं की दुर्घटना के दौरान एयरबैग तुरंत क्यों खुल जाता है और ना खुले तो क्या करें?
इन कारों से शुरू हुआ एयरबैग
दुनिया में सबसे पहले कर अमेरिका के जॉन हैट्रिक में 1952 में और जर्मनी के वॉटर लिंडरर में 1953 में पहला एयरबैग दिया गया था. हालांकि दोनों का एयरबैग एक जैसा ही तैयार किया गया था. वहीं 1953 में पेटेंट मिलने के बाद इसे मर्सिडीज जैसी लग्जरी कार में इस्तेमाल किया गया था. उधर हेट्रिक ने होवर फोर्ड के साथ क्रिसलर जैसी कंपनियों ने एयरबैग बनाना शुरू कर दिया था.
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Airbag में डाला जाता है नाइट्रोजन गैस
शुरुआती दौर में कंपनियां जब एयरबैग को तैयार कर रही थी तो उसमें सोडियम अजाइड नाम का केमिकल इस्तेमाल करते थे. क्योंकि गर्मी के मौसम में सोडियम अजाइड सोडियम मेटल और नाइट्रोजन गैस अपने आप बदल जाते हैं. और हंसने के दौरान गैस एयरबैग को पूरा खोल देता है. हालांकि आज के समय में कई कंपनियां एयरबैग में केमिकल्स का भी इस्तेमाल करने लगी है जो जल्द ही गैस छोड़ देती हैं. लेकिन इसका कोई बुरा असर यात्रियों पर नहीं पड़ता है इसी कारण मुख्य तौर पर नाइट्रोजन का ही कंपनियां इस्तेमाल करती है ताकि यात्रियों के अलावा कर को भी ज्यादा नुकसान न पहुंचे. सडक हादसे के दौरान airbag अपने आप खुल जाते हैं. लेकिन कभी-कभी नहीं खुलता है तो ऐसे में आपको घबराना नहीं चाहिए अपने आप पर काबू करके बैठ जाना ही आपके लिए बेहतर होगा.
Airbag लगने से रुके हादसे में मौत
जब से कंपनियां अपनी आने वाली गाड़ियों में एयरबैग का इस्तेमाल करने लगी तब से लेकर आज तक टक्कर के बाद मामले में एयरबैग के कारण जान बचाने और जान कमाने की संख्या में 25 फीसदी की तक की गिरावट आई है. बरहाल अब कंपनियां एयरबैग को आधुनिक तौर पर डिजाइन कार रही हैं ऐसे में कार की टक्कर होने के बाद कार ड्राइवर और बैठे हुए यात्रियों को मामूली खरोच आएगी उनके जान की कोई खतरा नहीं होगा. इधर केंद्र सरकार ने भी वाहन निर्माता कंपनियों को नकल करते हुए कह दिया है कि आने वाली सभी गाड़ियों में एयरबैग दो की जगह 6 कर दिया जाए.
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