Car mileage booster: आज के समय कार खरीदना सबकी पसंद बन चुका है. कार खरीद भी लेते हैं और हर कार मलिक जाता है कि, उसकी कार हमेशा फिट रहे और उसमें किसी तरह की समस्या नहीं आए. लेकिन आज के समय में खाने के साथ-साथ कई कॉस्मेटिक सर्जरी जो हमारे शरीर और स्वास्थ्य को सही रखने का दावा करते हैं ठीक उसी प्रकार कई ऐसी प्रक्रिया है जिसकी मदद से हम अपनी कर के इंजन को फिट रख सकते हैं. तो लिए आज हम देखते हैं कि कार का माइलेज कैसे बेहतर किया जा सके ?
आखिर क्या है इंजन डी-कार्बोनाइजेशन ?
दरअसल, जब कोई कर की फ्यूल इकोनामी या उसके पावर में कोई गिरावट देखा है तो तुरंत परेशान होकर मैकेनिक के पास या फिर सर्विस सेंटर पहुंच जाता है. हालांकि इसका कोई खास असर नहीं देखने को मिलता है. क्योंकि इसी बीच कुछ समय पहले इंडियन मार्केट में इंजन डी-कार्बोनाइजेशन का प्रोसेस में आ गया है. हालांकि, इसके नाम से ही पता चल जा रहा है कि यह एक रासायनिक यांत्रिक प्रक्रिया हो सकती है. जहां इंजन की परफॉर्मेंस को बेहतर करने के लिए सिलेंडर हेड और पिस्टन पर जमा कार्बन को हटाने में मदद करता है. इसमें इंजन के अन्य कार्यशील एलिमेंट को कार्बन के रूप में हटाकर बाहर कर देता है.
इसका दो तरह से होता है इस्तेमाल
• रसायन :- इस प्रक्रिया के दौरान टर्बन और अल्कोहल का इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें पारंपरिक ईंधन के तौर पर सप्लाई में जोड़ा जाता है. जो इंजन के अलग-अलग हिस्सों में, पिस्टन, ग्राउंडिंग और फ्यूल इंजेक्टर, कार्बन को खत्म कर देते हैं और उसे कार्बन के रूप में बाहर निकाल कर फेंक देते हैं.
• मैकेनिकल:- इस तकनीकी से इंजन को पूरी तरह खोल दिया जाता है और उसमें जमा कार्बन को फिजिकल हटाया जाता है. एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और रंगोली मैकेनिक की अपने हाथों से या प्रक्रिया बेहतर तरीके से पूरा करता है. लेकिन एक काम जानकर मैकेनिक इस प्रक्रिया के दौरान प्रक्रिया को अच्छी तरीके से नहीं करता है. जिसकी वजह से कर को और बुरा प्रभाव पड़ता है.
क्या हैं इसके फायदें?
• डी-कार्बोनाइजेशन इंजन को अंदर से पूरी तरीके से साफ करता है.
• यह कार के सभी महत्वपूर्ण एलिमेंट को साफ करने में मदद करता है.
• गाड़ी की परफॉर्मेंस को काफी हद तक बेहतर बना कर रखता है.
• इंजन का शोर और वाइब्रेशन भी कम कर देता है.
ये भी पढ़े : New car care: नई कार कहीं हो न जाएं खराब, बस करें ये काम, सालों-साल चलेगी एकदम नई की तरह