Manisha Murder Case: कहा जाता है कि बेटियां घर की लक्ष्मी होती है. लेकिन आज इस पापी जमाने में इन्हें तरह मौत के घाट उतारा जा रहा है. जिसे देखकर-सुनकर पूरा देश सहम जा रहा है. अब चाहे बेटियों के साथ हो रहे हैवानियत की खबर हो या फिर उन्हें किसी कारण बस जिंदा जलाया गया हो. ऐसीं ही एक खबर नोएडा से सामने आई है. यहां अपने सगे भाई-भाभी और भाभी के बॉयफ्रेंड ने मिलकर अपनी सगी बहन को प्रॉपर्टी के लालच में जिंदा जला दिया.
मनीषा पर किया जा रहा था अत्याचार
मनीषा अपनी पढ़ाई के लिए खुद जॉब किया करती थी. वह सेल्फ डिपेंडेंट हो चुकी थी. लेकिन उसकी मौत का कारण उसके पिता की पैतृक संपत्ति बन गई. दरअसल, नोएडा में उसके पिता की बनाई हुई संपत्ति करीब 4 से 5 करोड़ की थी. जिसे उसके भाई और भाभी बेचना चाहते थे और उसे बेचने के लिए मनीषा के सिग्नेचर की जरूरत थी. लेकिन मनीषा उस सिग्नेचर को करने के लिए मंजूर नहीं थी यही वजह थी कि उसे मौत को गले लगाना पड़ गया.
क्या है पूरी कहानी ?
बता दें कि, 20 वर्षीय मनीषा चौहान नोएडा के सदरपुर में उसके पिता द्वारा बनाई गई करीब 4 करोड़ की संपति में अपनी मां, भाई और भाभी के साथ रहती थी. वहीं 1 नवंबर को ऑफिस काम पर गई हुई थी. जहां से वह कैब कर शाम के समय घर वापस आई. लेकिन घर पर उसके साथ हो रहे दुर्व्यवहार की वजह से वह अक्सर अपना अधिकतर समय अपने दोस्तों के साथ ही बिताती थी. यही वजह था कि, उस दिन भी वह अपने दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए चली गई थी. लेकिन वहां से वापस नहीं आई और उसी रात उसके भाई-भाभी और भाभी के बॉयफ्रेंड ने मिलकर उसे अगवाह कर पहले दुपट्टे से गले में फंदा लगाकर मौत के घाट उतार दिया. अब इतने पर भी इन हैवनों ने उसे मृत नहीं छोड़ा और अपनी सुरक्षा के लिए उसे मनीषा को जिंदा जला दिया.
भाभी का था बॉयफ्रेंड
दरअसल, एक दिन उसकी भाभी अपने बॉयफ्रेंड से मिलने गई हुई थी. जिसे मनीषा ने देखा था और उस बात को लेकर मनीषा ने अपने उपर हो अत्याचार की वजह से परेशान होकर परिवार वालों से इस बात को शेयर किया जिसके बाद उसकी भाभी और भाई में कुछ दिन क्लेश चला. लेकिन बाद में इसे इस तरह की सजा दी जाएगी उसे भी पता नहीं था. अंत में यही हुआ कि एक भाई ने अपने इस रक्षाबंधन के पवित्र रिश्ते को तार-तार करते हुए कुछ पैसों के लालच में बहन को जिंदा जला दिया.
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सूटकेस में मिला मनीषा का अधजली शव
हत्यारों ने मनीषा को 1 नवंबर की रात ही गला घोटकर मौत के घाट उतारने के बाद उसकी बॉडी में आग लगा दिया. इसके बाद रातों-रात ही उन्होंने पुलिस की दर से अपने बचाव के लिए मनीषा के अधजली शव को एक सूटकेस में भरकर बागपत जिले सिसाना गांव फेक दिया. यहां सुबह-सुबह काम करने वाले लोगों ने जब खेत में पता शव देखा. तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की तो उस दौरान पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. जिसकी वजह से उस लाश को लावारिस घोषित कर पीएम के लिए भेज दिया.
कार बनी दोषियों की काल
इसके बाद 3 नवंबर को पुलिस ने छानबीन शुरू किया. इस केस की जांच में कुल चार टीमें बनाई गई और उन चार टीमों को अलग-अलग दिशा में जांच करने के लिए भेजा गया. जिसके बाद कुछ ही समय में पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाली कार को ट्रेस करते हुए मनीषा के घर नोएडा पहुंची. जहां उसके भाई और भाभी से पूछ ताछ की गई और उसी तैयार पुलिस को असली मुल्जिम मनीषा के भाई और भाभी को गिरफ्तार कर लिया.
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