Fake Birth Certificate Case: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान और उनके परिवार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. आज रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के फेक बर्थ सर्टिफिकेट के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान,उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराते हुए 7 – 7 साल की सजा सुना दी है.
2017 में विधायक बने थे अब्दुल्ला
जानकारी के लिए आपको बता दें कि 2017 में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने विधानसभा का चुनाव स्वार सीट से लड़ा था. इस चुनाव में अब्दुल्ला को विजय भी हासिल हुई थी लेकिन चुनावी जीत की खुशी अब्दुल्ला ज्यादा दिन नहीं मना सके और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उनकी उम्र कम है, ऐसा दावा करते हुए हाईकोर्ट में उनके खिलाफ केस किया गया.
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2 थे जन्म प्रमाण
भाजपा नेता और इस समय रामपुर शहर से विधायक आकाश सक्सेना ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि जिस समय अब्दुल्ला आजम विधानसभा चुनाव लड़े उनकी उम्र 25 साल नहीं थी. अब्दुल्ला आजम ने जन्म प्रमाण पत्र में अपनी हेरा फेरी की थी. शैक्षणिक योग्यता वाले प्रमाण पत्रों में अब्दुल्ला आजम की उम्र 1 जनवरी 1993 थी जो की असली थी. जबकि जन्म प्रमाण पत्र में उनकी उम्र 30 सितंबर 1990 बताई गई.
फर्जी पाए गए दस्तावेज
जब अब्दुल्ला आजम की तरफ से जन्म प्रमाण पत्र संबंधी दस्तावेजों को पेश किया गया तो वह फर्जी पाए गए. इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया.अब्दुल्लाह आजम पर आरोप लगा था कि उनके पास दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र मौजूद हैं एक जन्म प्रमाण पत्र 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका द्वारा बना हुआ है वहीं दूसरा जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ का बना हुआ है. इन दोनों दस्तावेजों का इस्तेमाल करके अब्दुल्ला आजम ने अलग-अलग तरह के फायदे को उठाया.
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