Vande Bharat: देश में लगातार एक के बाद एक वंदे भारत एक्सप्रेस को उतरा जा रहा है. अभी तक जो वंदे भारत एक्सप्रेस आपको दौड़ती हुई नजर आती हैं वह नीले और सफेद कलर की होती हैं. लेकिन अब जो नहीं वंदे भारत एक्सप्रेस आपको दौड़ती हुई नजर आएंगे वह केसरिया रंग में रंगी हुई होगी.जी हां वंदे एक्सप्रेस के कलर और खासियतों में बदलाव होने वाला है. आइए आपको इन बदलावों के बारे में विस्तार से बताते हैं.
इन खूबियों से है लैस
आपको बता दें कि वंदे भारत ट्रेन की टेक्निकल डिजाइन पूरी तरह मेड इन इंडिया है.स्वदेशी तकनीकी से बनने वाली भारत में 18 महीने में बनकर तैयार हो जाती है जबकि इसी तकनीक से बनने वाली विदेशी ट्रेन 3 साल में बनकर तैयार होती है. इसके साथ ही देश में बनने वाली वंदे भारत ट्रेन का खर्चा विदेश से 60% कम है. वंदे भारत ट्रेन को बनाने में कवच टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. अगर कभी लोको पायलट को गलती से रेड सिग्नल नहीं दिखता है तो कवच टेक्नोलॉजी के माध्यम से दो ट्रेनों के बीच टक्कर होने से रुक जाती है और यह सिस्टम अलर्ट दे देता है.
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इस दिन बनकर हो जाएगी तैयार
आईसीएफ जनरल मैनेजर बीजी माल्या के मुताबिक अक्टूबर से वंदे भारत ट्रेन ब्लू नहीं बल्कि केसरिया और ग्रे और व्हाइट के कलर के देखने को मिलेगी 19 अक्टूबर को नए कलर के पहले वंदे भारत एक्सप्रेस की कोच को फैक्ट्री से निकाल दिया जाएगा.
स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस भी होगी शुरू
बीजी माल्या ने स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस की खूबियों के बारे में बताते हुए कहा कि स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस 22 कोच वाली ट्रेन होगी. जिसके अंदर 8 जनरल सेकंड क्लास कोच, 2 लगेज-कम-गार्ड वैन और 12 नॉन एसी स्लीपर कोच होंगे.इन कोच का निर्माण आईसीएफ चेन्नई में किया जाएगा.
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