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IRCTC को करोड़ों का चूना लगाने वाले दलालों पर चला रेलवे का चाबुक,3744995 आईडी की बंद,पढ़ें पूरी ख़बर

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IRCTC को करोड़ों का चूना लगाने वाले दलालों पर चला रेलवे का चाबुक,3744995 आईडी की बंद,पढ़ें पूरी ख़बर

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IRCTC: भारतीय रेलवे के द्वारा प्रतिदिन लाखों यात्री सुरक्षित और किफायती सफर को करते हैं. इसके लिए यात्री कई बार भारी एजेंटों के द्वारा अपने टिकट को बुक करवाते हैं. लेकिन भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने पिछले कुछ समय में यह पाया है कि बाहरी एजेंट टिकट बुकिंग में काफी बड़ी संख्या में धांधली कर रहे हैं. जिसके कारण अब रेलवे मंत्रालय मंत्रालय ने उन पर सख्ती दिखाते हुए कड़ी कार्रवाई कर दी.आइए आपको इस खबर के बारे में डिटेल में बताते हैं.

इतने यूजर आईडी किए गए रद्द

बाहरी एजेंटों द्वारा टिकट बुकिंग के मामले में पूर्व मंत्री राधामोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल संबंधी स्थाई समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2015-16 से 2021-22 (नवंबर 202 1 तक) आईआरसीटीसी(IRCTC) ने 3744995 लाख निजी यूजर आईडी रद किए गए. इसमें 2019-20 में 1120236 और 2020-21 में 1162493 यूजर आईडी रद्द किए गए. यह कार्रवाई एजेंटों द्वारा बुकिंग में धांधली के कारण की गई.

IRCTC
Railway (File Photo)

ऐसे करते थे सेंधमारी

IRCTC की वेबसाइट पर आम जनता के लिए प्रतिदिन सुबह 8 बजे एडवांस रिवर्जेशन टिकट बुकिंग (एसी श्रेणी), 10 बजे तत्काल टिकट बुकिंग व 11 बजे स्लीपर के लिए एडवांस रिजर्वेशन शुरू होता है. इस दौरान आईआरसीटसी के लाखों बाहरी-एजेंट IRCTC वेबसाइट पर किसी भी प्रकार का टिकट बुकिंग करने पर प्रतिबंध है.लेकिन प्रतिबंध के बावजूद एजेंट आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अवैध तरीके से सेंधमारी कर रहे हैं. इस कारण कनफर्म टिकट चंद पलों में बुक हो जाते हैं और अधिकांश रेल यात्रियों के हाथ वेटिंग टिकट लगता है. इस धंधे में सब-एजेंट के अलावा दलाल भी संलिप्त हैं.

IRCTC
Indian Railways

सॉफ्टवेयर का करते हैं उपयोग

रेल टिकटों की कालाबाजारी में लगे सब एजेंट आधुनिक सॉफ्टवेयर का प्रयोग करते हैं. यह गूगल व मार्केट में आसानी से उपलब्ध है. इसमें यात्री का नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर आदि पहले से दर्ज कर दिया जाता है.सॉफ्टवेयर से प्रतिबंध के बाद भी वेबसाइट में सेंध लगाना आसान है और एक बार क्लिक करने के बाद सॉफ्टवेयर आईआरसीटीसी सर्वर में हिट करता रहता है जब तक ट्रांजेक्शन पूरा नहीं हो जाता है. वहीं, आम यात्री सामान्य कंप्यूटर सिस्टम से कनफर्म टिकट लेने का प्रयास करता है, लेकिन वह सफल नहीं हो पाता है. रेल संबंधी स्थाई समिति ने इसलिए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस समस्या का समाधान रेलवे को खोजना होगा नहीं तो सामान्य रेल यात्रियों के साथ इस तरीके की धांधली होती रहेगी.

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Dushyant Raghav
Dushyant Raghavhttps://bloggistan.com
दुष्यंत राघव Bloggistan में बतौर Chief Sub Editor कार्यरत हैं. ये पिछले 5 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं. इन्होंने उमर उजाला, पंजाब केसरी जैसे मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं. इन्हें राजनीति और टेक पर लिखना पसंद है. दुष्यंत ने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से की है.

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