TCS: भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस को एक बार फिर से बड़ा झटका लगा है। टीसीएस से अमेरिका की एक जूरी ने कंपनी को 21 करोड़ डॉलर यानी लगभग 17,50,01,08,500 रुपये मांग लिए हैं। टाटा ग्रुप की कंपनी पर आरोप है कि उसने अपना सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म TCS Bancs को डेवलप करने के लिए अमेरिका की आईटी सर्विसेज कंपनी डीएक्ससी (DXC) के सोर्स कोड का दुरुपयोग किया है। DXC को पहले CSC के नाम से जाना जाता था। इसी को लेकर अमेरिकी कंपनी जूरी ने कहा कि टीसीएस ने सीएससी के प्रोप्राइटरी प्लेटफॉर्म में सेंध लगाकर ट्रेड सीक्रेट को एक्सेस किया था।
टीसीएस को अमेरिका में यह दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भी कंपनी को 14 करोड़ डॉलर का भुगतान करने को कहा था। इस मामले में कंपनी पर यह आरोप लगे थे कि कंपनी ने ऑथराइजेशन के बिना एपिक सिस्टम्स के वेब पोर्टल को एक्सेस किया था। इस बारे में कमेंट के लिए जब टीओआई ने टीसीएस से संपर्क किया तो कंपनी ने कहा कि वह जूरी के फैसले से सहमत नहीं है। इस मामले का फैसला अब कोर्ट में होगा जिनसे सभी पक्षों से और जानकारी मांगी है। कंपनी इस मामले में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेगी।
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हाथ से फिसली डील
VantageOne and DXC Wealth Management Accelerator इंश्योरेंस फंक्शस को मैनेज करती हैं। इसका एक और प्लेटफॉर्म Cyberlife अपने क्लाएंट मनी सर्विसेज के लिए लाइफ और एन्युटी प्रॉडक्ट्स को लिए रियल टाइम सिस्टम सपोर्ट देता है। मनी सर्विसेज अमेरिका की इंश्योरेंस कंपनी ट्रांसअमेरिका की सहयोगी कंपनी है। 2018 में टीसीएस को ट्रांसअमेरिका से 2.5 अरब डॉलर की डील मिली थी। लेकिन इस साल जून में ट्रांसअमेरिका ने टीसीएस के साथ दो अरब डॉलर की डील समाप्त कर दी है। बता दें कि कंपनी ने मैक्रोइकॉनमिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए ऐसा किया।
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