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इसी कारण बंद करना पड़ा मार्केट में 5 रुपए वाला मोटा सिक्का,जानें असली वजह

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इसी कारण बंद करना पड़ा मार्केट में 5 रुपए वाला मोटा सिक्का,जानें असली वजह

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5 Rupees Old Coin: भारत में नोट और सिक्के चलते हैं. भारत की करेंसी अपने आप में एक अलग ही महत्व रखती है. जिसे खासकर भारतीय सभ्यता से जोड़कर रखा गया है. भारत में सिक्कों की शुरुआत सदियों पहले से है. जब हमने होश संभाला तो 10 पैसे, 20 पैसे और 25, 50 पैसे के सिक्के देखने को मिले. उसके बाद मार्केट में 1 रूपए से लेकर 5 रूपये के सिक्के चलन में तेज हो गए. आपको याद होगा की मार्केट में 5 रुपए (5 Rupees Coin) के सिक्के पहले मोटे आते थे. हालांकि, आज के सिक्के की तुलना पहले किस-किस करें तो पहले का सिक्का 2 गुना मोटा होता था. लेकिन अचानक मार्केट से ये सिक्के गायब हो चुके हैं. क्या आपने कभी सोचा कि आखिर मार्केट में इतना चलने वाले सिक्के इतनी जल्दी गायब कैसे हो सकते हैं? नहीं तो कोई बात नहीं आज हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे कि आखिर मार्केट से इन सिक्के को बंद करने के पीछे का क्या मकसद था ?

सिक्कों का बनाया जाता था ब्लेड

दरअसल, मार्केट में आने वाले 5 रुपए के मोटे सिक्के (5 Rupees Coin) का इस्तेमाल ब्लेड बनाने के लिए किया जाता था. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर सिक्के से कैसे ब्लेड बनाया जाता है ? इसका जवाब है की ब्लेड बनाने के लिए मेटल का इस्तेमाल किया जाता है और ये सिक्के भी मेटल की बनाए जाते थे. हालांकि, यह पहले ना के बराबर था. लेकिन जैसे-जैसे लोगों को इस बारे में जानकारी लगी लोगों ने इसे इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और सिक्के का गलत इस्तेमाल करने लगे.

एक सिक्के बन जाती थी इतनी ब्लेड

आपको जानकर हैरानी होगी कि, इस 5 रुपए के सिक्के से 6 ब्लेड तैयार किया जाता था. हालांकि, इन सबसे पहले इन सिक्कों के बारे में जब लोगों को जानकारी लगी तो लोगों ने इसे बांग्लादेश में गलत तरीके से पहुंचना शुरू कर दिया. जहां पर इस पगला कर एक सिक्के से अच्छा ब्लेड को तैयार किया जाता था और एक ब्लेड की कीमत 2 रूपए हुआ करती थी यानी 5 रुपए के सिक्के से 12 रुपए का व्यापार करते थे.

कब शुरू हुए 5 रुपए के सिक्के

भारत में अगर सिक्कों के चालान की बात की जाए तो अंग्रेजों के भारत आने से पहले ही भारत में सिक्कों का चालान हुआ करता था. लेकिन समय-समय पर इनमें बदलाव किया जाता था और नए रूप में इन्हें मार्केट में उतारा जाता था. इसी बीच 1992 में ₹5 के सिक्के को मार्केट में उतारा गया था. जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय था, क्योंकि यह सिक्कों के बीच सबसे बड़ा सिक्का माना जाता था. लेकिन बाद में अवैध तरीके से हो रहे सप्लाई को देखते हुए भारत सरकार की ओर से या कदम उठाया गया और 5 रुपए के सिक्के को मार्केट से खत्म कर दिया गया.

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Vivek Yadav
Vivek Yadavhttps://bloggistan.com
विवेक यादव डिजिटल मीडिया में पिछले 2 सालों से काम कर रहे हैं. Bloggistan में विवेक बतौर सब एडिटर कार्यरत हैं. इससे पहले`द बेगुसराय' के साथ इन्होंने अपनी पारी खेली है. ऑटो और टेक पर लिखने में इनकी विशेष रुचि है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई की है.

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