आज आधे से अधिक लोगों को यही लगता होगा की देश के प्रधानमंत्री (PM Modi) की सैलरी सबसे अधिक होती है. खैर इससे पहले ये जान लेना जरुरी है कि, लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं. न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका. अगर आप इन तीनों को जानते हैं तो यह भी जानते होंगे कि इन तीनों स्तंभ में ना कोई छोटा और ना कोई बड़ा होता है. लेकिन प्रत्यक्ष दिखाने वाली ताकत को हम न्यायपालिका के नाम से जानते हैं. लेकिन न्यायपालिका में सबसे बड़ा पद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का माना जाता है. जिन्हें भारत का मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी देखा जाता है. तो ऐसे में या जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि चीफ जस्टिस को कितनी सैलरी मिलती है और क्या-क्या सरकार की ओर से सुविधा मिलती हैं?
पीएम से भी मिलती है अधिक सैलरी
सुप्रीम कोर्ट न्यायपालिका के मुख्य न्यायाधीश उसके सबसे बड़े अधिकारी के रूप में देखे जाते हैं. आपने कभी सोचा कि इतनी पावरफुल पोजीशन में बैठे व्यक्ति की सैलरी कितनी होती होगी? अगर आपने नहीं सोचा है तो कोई बात नहीं आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे और आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की सैलरी प्रधानमंत्री से भी अधिक होती है. दरअसल, वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ है जिन्हें हर महीने 2.80 लाख रुपए की सैलरी मिलती है. इसके अलावा उन्हें भारत सरकार की ओर से हॉस्पिटलिटी अलाउंस के तौर पर 45 हजार रुपए प्रति माह दिया जाता है. यानी कुल मिलाकर हर महीने उन्हें 3.25 लाख रुपए सैलरी के तौर पर दिया जाता है.
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पीएम मोदी को मिलती है इतनी सैलरी
देश के प्रधानमंत्री के सैलरी की बात करें तो उन्हें हर महीने 1.60 लाख रुपए दिया जाता है. उसके लाभ प्रधानमंत्री को संसद भट्ट के तौर पर कई भत्ते का फायदा मिलता है. लेकिन उनकी सैलरी का करीब 30 फ़ीसदी हिस्सा कट जाता है. इस तरह प्रधानमंत्री की सैलरी कुल मिलाकर 2 लाख रुपए प्रतिमा के आसपास आती है. इसका मतलब कि देश के सबसे बड़े कानून के रखवाले चीफ जस्टिस की सैलरी प्रधानमंत्री से अधिक होती है. इतना ही नहीं चीफ जस्टिस की सैलरी देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से भी अधिक होती है.
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