Ganga Jal as medicine : गंगाजल लाखों-करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक है. हम गंगा को अपनी मां का दर्जा भी देते हैं. इस लिए हम गंगा मा या फिर गंगा मइया कह कर बुलाते हैं. गंगा की पवित्रता किसी से भी छिपी नहीं हैं. करोड़ों लोग हर साल गंगा में आस्था का डुबकी लगाते हैं. भारतीय संस्कृति में गंगा नदी का बहुत सम्मान है.
इतना ही नहीं बॉलीवुड में भी कई बार गंगा की महिमा को बताया गया है.गंगा पर कई बॉलीवुड सॉग्स भी बने हैं.लेकिन अब गंगा सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं रही है.ये विज्ञान की कसौटी पर भी खरी उतरी है. एक नई रिसर्च में पता चला है कि गंगा नदी का पानी कई बीमारियों को भी दूर करेगा.
क्या कहती है रिसर्च ?
दिल्ली के AIIMS अस्पताल ने ये रिसर्च की है. बता दें कि गंगा के पानी में कुछ खास तरह के बैक्टीरिया होते है.ये बैक्टीरिया कई गंभीर बीमारियों के इलाज में एंटीबायोटिक से भी ज्यादा कारगर हैं. AIIMS की टीम ने 2018 में वाराणसी में गंगा के अलग-अलग घाटों से पानी के सैंपल लिए थे.इन सैंपल्स का अध्ययन करने के बाद Researchers का कहना है कि गंगा का पानी कई एंटीबायोटिक दवाओं की जगह इस्तेमाल हो सकता है.
दवा की तरह काम करेगा गंगाजल !
- गंगाजल का इस्तेमाल बल्ड (Blood) और यूरिन इन्फेक्शन (Urine Infection)में किया जा सकता है.
- जलने-सर्जरी से होने वाले घावों को ठीक करने के लिए गंगाजल का इस्तेमामल हो सकता है.
- गंगाजल निमोनिया, डायबटीज इन्फेक्शन के साथ-साथ लंग्स के इन्फेक्शन को ठीक करने में भी असरदार साबित हो सकता है.
नहीं होंगे कोई साइड इफेक्ट !
गंगाजल की सबसे अच्छी बात है कि इससे आपको कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं होंगे.जैसी की जब हम दवा के रूप में एंटीबायोटिक्स लेते हैं तो इसके कई साइड इफेक्ट होते हैं.ये कई बार हमारे इम्यून सिस्टम को वीक करता है.लेकिन गंगाजल से ऐसा नहीं होगा.ये हमारे इम्यून सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचायेगा.
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