Moodys Update: हाल ही में रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को लेकर नया अनुमान जारी किया है. मूडीज ने यह बात गुरुवार को अपने विश्लेषण में कही है, जिसका शीर्षक ‘APAC आउटलुक: अ कमिंग डाउनशिफ्ट’ है. लगातार तीसरी बार मूडीज ने 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान पहले के 8 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि आने वाले साल में एशिया प्रशांत क्षेत्र में मंदी की उम्मीद नहीं है.
मूडीज के मुताबिक , इस क्षेत्र को ज्यादा ब्याज दरों और धीमी ग्लोबल ट्रेड ग्रोथ की वजह से रूकावटों का सामना करना पड़ेगा. मूडीज ने यह बात गुरुवार को अपने विश्लेषण में कही है, जिसका शीर्षक ‘APAC आउटलुक: अ कमिंग डाउनशिफ्ट’ है.
क्यों आ सकती हैं GDP मे गिरावट?
रिपोर्ट के मुताबिक, टेक्नोलॉजी के साथ कृषि क्षेत्र में निवेश और प्रोडक्शन में बढ़ोतरी से भी फायदा मिलेगा. लेकिन, अगर ज्यादा महंगाई बनी रहती है, तो भारतीय रिजर्व बैंक अपने रेपो रेट को बढ़ाकर 6 फीसदी से पार कर देगा, जिससे जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आ सकती है. मूडीज ने भारत की ग्रोथ रेट गिरकर 2022 में 8 फीसदी पर पहुंचने का अनुमान जताया था. रेटिंग एजेंसी ने अगस्त 2023 में ग्रोथ और गिरकर 5 फीसदी होने का अनुमान लगाया था. ग्रोथ रेट 2021 में 8.5 फीसदी रहा था.
रूस और यूक्रेन युद्ध से पहले APAC की स्थिति:
मूडीज ने कहा कि एशिया पैसेफिक (APAC) क्षेत्र की अर्थव्यवस्था धीमी पड़ रही है और यह व्यापार पर निर्भर क्षेत्र धीमी वैश्विक ग्रोथ के असर को झेल रहा है. वैश्विक औद्योगिक उत्पादन ठीक स्तर पर बना हुआ है. यह फरवरी महीने में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. यह रूस और यूक्रेन के युद्ध से पहले की स्थिति थी.
यूरोप, अमेरिका की वजह से ग्लोबल ग्रोथ पर पड़ेगा असर:
मूडीज एनालिटिक्स के चीफ APAC इकोनॉमिस्ट Steve Cochrane ने कहा कि चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था में सिर्फ एक कमजोर लिंक नहीं है. उन्होंने कहा कि एशिया, भारत में भी अक्टूबर महीने में निर्यात में सालाना आधार पर गिरावट देखी गई है. उनका कहना है कि कम से कम भारत ग्रोथ के लिए चीन के मुकाबले निर्यात पर कम निर्भर रहता है.
क्षेत्रीय आउटलुक को देखें, तो मूडीज ने कहा कि हालांकि, भारत के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी महामारी से जुड़ी पाबंदियों के हटने के बाद विस्तार कर रही हैं. हालांकि, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में सुस्ती की उम्मीद के साथ चीन में मुश्किल में फंसी अर्थव्यवस्था की वजह से 2022 का साल आर्थिक ग्रोथ के लिए अच्छा नहीं रहेगा.
मूडीज क्या हैं?
मूडीज को ‘मार्डन ब्रांड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी’ का जन्मदाता माना जाता है. इसकी स्थापना जॉन मूडी ने किया था.1900 ईस्वी में सबसे पहले जॉन मूडी ने पहली बार सिक्युरिटी और अमेरिकी कंपनियों की रेटिंग दी. इस प्रकाशन ने स्टॉक, बांड , वित्तीय संस्थानों, सरकारी एजेंसियों , मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग और फूड कंपनियों का आंकड़े के साथ रेटिंग किया था. इस प्रकाशन के बाद से अमेरिका में मूडीज की लोकप्रियता बढ़ने लगी. तथा 1913 आते – आते इसकी प्रतिष्ठा चारों और फैलने लगी.
आज दुनिया में तीन प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसियां है. उनमें मूडीज का नाम सबसे ऊपर है. 1924 में मूडीज ने पूरे अमेरिकन मार्केटिंग की रेटिंग की थी. आज मूडीज दुनियाभर के देशों की रेटिंग करती है. हालांकि स्टैंडर्स एंड पुअर्स मूडीज से भी पुरानी एजेंसी है और इसकी स्थापना हेनरी पुअर ने की थी.
क्रेडिट रेटिंग किसी भी देश के ऋण लेने व चुकाने की क्षमता का मूल्यांकन करती है.मूडीज रेटिंग का असर दुनिया भर के निवेशकों पर पड़ता है. अगर रेटिंग अच्छी आती है तो दुनिया के निवेशक उस देश का रूख करते हैं. स्टैंडर्स एंड पुअर्स और मूडीज के अलावा फिच अन्य प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसियां में शामिल है.
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