Indian Railways: ट्रेन में सफर करना काफी सुविधाजनक होता है. अगर आप लंबी दूरी तय करना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले ट्रेन का टिकट ही बुक करते हैं. क्योंकि कम खर्चे में ये आपको अपनी मंजिल तक पहुंचा देती है. लेकिन कई बार जब हमें जाना जरूरी होता है तो ट्रेन का टिकट कंफर्म नहीं मिलता. इसकी जगह आरएसी(RAC) या वेटिंग (Waiting list) टिकट मिलता है. ऐसे में कई बार कंफ्यूजन होता है कि, कौन सा टिकट लें.आपके इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए ये आर्टिकल आपके लिए है. तो चलिए जानते हैं क्या है इसके नियम.
Indian Railways: RAC या Waiting list पहले कौन सा होगा कंफर्म?
- जब भी आप ट्रेन में टिकट लेते हैं तो अगर आपको कंफर्म टिकट नहीं मिला है तो इसकी जगह आपको RAC टिकट (Reservation Against Cancellation) मिलेगा.इसके बाद Waiting list के यात्रियों को मौका मिलता है.
- यानी अगर कोई यात्री अपना कंफर्म टिकट कैंसिल करता है तो पहले RAC वाले यात्री को मौका मिलेगा और उसका टिकट कंफर्म हो जाएगा.इसके बाद Waiting list के यात्रियों का नंबर आएगा
- आपने अक्सर देखा होगा कि अगर आपका Waiting list है तो वो RAC में बदल जाता है. जैसे अगर आपका टिकट Waiting list #01 है तो पहले आपका टिकट RAC में बदलेगा.
- ये आपके लिए जानना जरूरी है कि हर ट्रेन में कुछ अलग से सीटें रखी जाती हैं, जो RAC यात्रियों को दी जाती हैं.
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर आपका टिकट RAC में है तो आपको ट्रेन में सीट मिलने की गारंटी होती है, लेकिन अगर आप सोच रहे हैं, कि सोने के लिए बर्थ मिल जाएगी तो ऐसा नहीं होता.
- RAC टिकट से आप ट्रेन में एंट्री ले सकते हैं और ट्रेन में अपनी सीट पर बैठ भी सकते हैं, लेकिन अगर आपका टिकट Waiting list में है तो आप ट्रेन से सफर नहीं कर सकते.
- हालांकि जो लोग रेलवे के टिकट काउंटर से टिकट खरीदते हैं, वे यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सीट नहीं मिलेगी.
- अगर आपके पास RAC का टिकट रहता है तो आपको सफर में ज्यादा परेशानी नहीं होगी.वहीं अगर टिकट ऑनलाइन है और वेटिंग है तो आपसे TTE जुर्माना ले सकता है.
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