Economic Survey:देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman)फरवरी को आम बजट(Union Budget) पेश करेंगी. इस बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे आता है. बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे क्यों पेश किया जाता है. क्या आप इसके बारे में जानते हैं.इस इकोनॉमिक सर्वे में सरकार देश के आर्थिक विकास की पूरी डिटेल देती है. इस सर्वे से इस बात का अंदाजा लगाया जाता है कि, पिछले एक साल में देश ने कितना आर्थिक विकास किया.बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है.
Economic Survey: बजट से पहले क्यों पेश होता है इकोनॉमिक सर्वे
- साल 1947 में जब देश आजाद हुआ तब आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे को बजट के साथ ही पेश किया जाता था. लेकिन 1964 में इसे अलग कर दिया गया था और तब इसे बजट के एक दिन पहले पेश किया गया. तब से लेकर आज तक ये इकोनॉमिक सर्वे बजट से एक दिन पहले ही पेश करने का नियम कायम है.
2. ये कई मायनों में काफी जरूरी होता है. इस सर्वे से पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था कैसी है. इसमें सुधार की क्या गुंजाइश है. इस सर्वे के आधार पर ही सरकार को सुझाव दिए जाते हैं.
3. लेकिन इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाए या नहीं इसके लिए सरकार बाध्य नहीं होती. इकोनॉमिक सर्वे की तरफ से दिए गए सुझावों और सिफारिशों को सरकार मानेगी या नहीं ये सरकार पर निर्भर करता है. सरकार अगर चाहेगी तो वो सुझाव को मान सकती है या फिर खारिज भी कर सकती है.
4. इकोनॉमिक सर्वे से इस बात का आंकलन किया जाता है कि, आने वाले दिनों में किन चीजों के दाम बढ़ेंगे, कौन सी चीजें सस्ती होंगी.
5. फाइनेंस मिनिस्ट्री के अंतर्गत एक विभाग होता है इकोनॉमिक अफेयर्स. इसी इकोनॉमिक डिवीजन के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर यानी CEA की देख-रेख में इकोनॉमिक सर्वे तैयार करते हैं.
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