Saving Money: फरवरी महीने में केंद्र सरकार (Central Goverment) की ओर से देश की बजट (Budjet) पेश की जाने वाली है. बजट में आम जनता के हित में सभी योजनाएं बनाई जाती है ताकि ,लोगों को मूलभूत सुविधाओं की दिक्कत ना हो सके, लेकिन क्या ये सारी जिम्मेदारी केवल सरकार की है? क्या हमें अपने बजट के लिए कुछ नहीं करना चाहिए?
अगर आपके हिसाब से बजट के हित में कुछ करना चाहिए तो उसके लिए क्या विकल्प है? क्या आपको पता हैं कि हमें अपनी कमाई का कितना खर्च करना चाहिए? अपने बजट को मेंटेन रखने के लिए कौन से कदम उठाए जानें जरूरी हैं? आज इन सभी सवालों के जबाव इस लेख में मालूम चलेगा.
बजट मेंटेन रखने के लिए इन बातों का रखे ख्याल
बड़े-बुजुर्गों द्वारा आज तक जितनी भी कहावते कहीं गई हैं, वह व्यर्थ नहीं है.इस बात से हम लोग भली-भांति अवगत होंगे कि जितना बड़ा चादर है इंसान को उतना ही पैर फैलाना चाहिए. ज्यादा पैर फैलाने से नुकसान ही होता है. अर्थशास्त्र के ज्ञानी होने से पहले हमारे पूर्वज अर्थव्यवस्था के महान ज्ञाता हुआ करते थे. उन्हे बजट के बारे में भली-भांति पता था, इसलिए वे धन को सार्थक जगहों पर निवेश करते थे,जिससे भविष्य में उन्हे फायदा मिलता था.
लेकिन आज के समय में देखे तो लोगों की यह मानसिकता होते जा रही हैं कि, एक ही तो जिंदगी है जितना जीना है! खुल कर जिएंगे, एंजॉय करेंगे. जिसके कारण लोग अपना धन गलत जगहों पर निवेश करते हैं. इन लोगों के पास सेविंग के नाम पर कुछ भी नहीं होता है.
अक्सर हमे बड़ो से यह सुनने को मिलती हैं कि, सोना और जमीन बुरे वक्त का सहारा होता है. किंतु आज के लोग इसे नहीं मानते हैं और इसके परिणाम स्वरूप भविष्य में किसी प्रकार का संकट आ जाने पर लोगों के पास कुछ भी नहीं होता हैं. यानी उनके अकाउंट में जीरो बैलेंस होता हैं.ऐसे में अगर आपसे हम कहें कि, सारी मस्ती, मजाक और पार्टी करने के बाद भी 50, 30, 20 के फॉर्मूले को फॉलो कर सेविंग कर सकते हैं तो आप एक बार के लिए सोच में पड़ जाएंगे.
क्या है 50, 30 और 20 वाला फॉर्मूला
अक्सर जब इंसान पैसा कमाना शुरू कर देता है तो उसे अपनी सैलरी के हिसाब से खर्च भी करने पड़ते हैं. स्टेटस मेंटेन करने के चक्कर में व्यक्ति पैसों की तंगी से जूझने लगता है. और वह कर्ज के तले डूबने लगता है. ऐसे में उसे 50, 30 और 20 वाले नियम को फॉलो करना चाहिए. इसका मतलब होता है कि व्यक्ति को अपने सैलरी के तीन हिस्से कर देने चाहिए. 50 फीसदी, 30 फीसदी और 20 फीसदी.
50 फीसदी – अपने सैलरी के इस हिस्से से इंसान को घर परिवार, बच्चे, खाना पीना आदि जरूरतों पर खर्च करना चाहिए.
30 फीसदी – दूसरे हिस्से यानि 30 फीसदी वाली राशि से इंसान को अपना और परिवार का शौक पूरा करने में इनवेस्ट करना चाहिए.
20 फीसदी – वहीं बाकि के बचे 20 फीसदी अमाउंट की हर महीने सेविंग करना चहिए. अगर कोई व्यक्ति हर महीने अपने सैलरी से मात्र 20 फीसदी राशि भी बचा लेता है, तो एक साल में उसके अकाउंट में ठीक-ठाक पैसा हो जाएगा. जिसका इस्तेमाल वह अपनी बुरे दिनों में कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: Go First Flight: ये फ्लाइट फ्री में कराएगी सफर ! किसको मिलेगा मौका,पढ़ें पूरी खबर