Budget 2023: बजट से लोगों को काफी उम्मीदें रहती हैं. सरकार के इस बजट से अगर सबसे ज्यादा कोई उम्मीद लगाता है वो है आम आदमी. एक फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्तीय वर्ष 2023-24 के आम बजट (Union Budget) पेश करेंगी. वहीं अगले साल 2024 में केंद्र सरकार की ओर से अंतरिम बजट(Interim Budget) पेश किया जाएगा.
लेकिन कई लोग ऐसे हैं जिन्हें आम बजट और अंतरिम बजट के बीच काफी कंफ्यूजन होता है. तो आपके इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए ये आर्टिकल है. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि, आम और अंतरिम बजट में क्या फर्क है. और इन्हें सरकार कब पेश करती है.
Budget 2023: क्या होता है आम बजट (Union Budget)
संविधान की बात की जाए तो बजट पेश करने का अधिकार राष्ट्रपति का है. लेकिन राष्ट्रपति अपनी तरफ से किसी और भी चिन्हित कर सकते हैं बजट पेश करने के लिए.भारत में आम तौर पर वित्त मंत्री ही बजट पेश करते हैं.संविधान में कहीं भी सीधे तौर पर ‘बजट’ शब्द का जिक्र नहीं हैं, हालांकि संविधान के ‘अनुच्छेद 112’ में ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ की चर्चा की गई है. इसका सीधा मतलब ये है कि सरकार को हर साल अपने आय और व्यय का इसके मुताबिक, सरकार को हर साल अपने आय-व्यय का हिसाब किताब देना होता है.
क्या होता है अंतरिम बजट (Interim Budget)
भारत में अंतरिम बजट आम चुनाव से पहले पेश किया जाता है. इससे पहले 2019 में अंतरिम बजट किया गया था. अब अगले साल 2024 में सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. अंतरिम बजट को पूरे साल के बजाय केंद्र सरकार कुछ महीनों के लिए पेश करती है.वहीं जब चुनाव खत्म हो जाते हैं तो चुनी हुई नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है.
क्या है दोनों के बीच का अंतर
बजट आम हो या अंतरिम, सरकारी खर्चों के लिए मंजूरी संसद से ही ली जाती है.अंतरिम बजट में सामान्य तौर पर सरकार कोई नीति से संबंधी फैसला नहीं लेती. भारत में ये परंपरा रही है कि जो चुनी हुई नई सरकार आएगी वो ही अपनी नीतियों के मुताबिक फैसले लेगी और योजनाओं की घोषणा करेगी. इसी वजह से आम बजट में आम आदमी के लिए टैक्स छूट, देश के लिए अन्य विकास परियोजनाओं के लिए प्रावधान किए जाते हैं. अंतरिम बजट में सरकार खर्चों के अलावा राजस्व का लेखा जोखा देती है.
ये भी पढ़ें : Budget 2023: मोदी सरकार ने 1924 से चली आ रही बजट की इस परंपरा को क्यों कर दिया अचानक खत्म,जानें कारण