अगर हम ध्यान आज से 20 वर्ष पहले अगर जाएं तो पाते हैं कि इन 2 दशकों में तकनीकी क्रांति ने दुनिया को बहुत बदल दिया है. विशेष तौर पर स्मार्टफोन्स ने हमारी जिंदगी पर गहरी छाप छोड़ी है. आज समय ऐसा आ गया है कि ज्यादातर लोग स्मार्टफोन के बिना बहुत सारे कामों की कल्पना नहीं कर सकते. वो जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है. लेकिन जिस तेजी से स्मार्टफोन ने लोगों की जिंदगी बदला है वो अब उतनी ही तेजी से इतिहास भी बन सकता है. टेक्नोलॉजी की बढ़ती रफ्तार स्मार्टफोन्स को भी पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ जाएगी.
Nokia के सीईओ ने किया ये दावा
स्मार्टफोन इतिहास बन जाएंगे ये दावा Nokia कंपनी के सीईओ Pekka Lundmark ने किया है. Nokia के सीईओ का कहना है कि साल 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी की शुरुआत हो चुकी होगी लेकिन तब तक स्मार्टफोन कॉमन इंटरफेस नहीं रह जाएंगे.
दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में Pekka ने कहा कि अगर कमर्शियल मार्केट की बात करें तो साल 2030 तक 6G टेक्नोलॉजी दुनिया के कई हिस्सों में देखने को मिल सकती है. 6G के आने से पहले ही लोग स्मार्टफोन की तुलना में स्मार्ट ग्लासेस और दूसरे ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगेंगे. तब तक, हम जिन स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इंटरफेस नहीं रह जाएंगे. इनमें से कई चीजें हमारे शरीर में सीधे तौर पर देखने को मिल जाएगी.
Nokia के सीईओ ने ये नहीं बताया कि वे किस डिवाइस के बारे में बात कर रहे थे लेकिन आशंका जताई जा रही है कि Pekka का इशारा दुनिया के सबसे लोकप्रिय बिजनेसमैन इलॉन मस्क की न्यूरालिंक कंपनी की तरफ था. बता दें कि मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाने का ख्वाब देखने वाले और हाई क्वालिटी प्रीमियम इलेक्ट्रिक कार बनाने वाले इलॉन मस्क इंसानी दिमाग के साथ भी प्रयोग करना चाहते हैं.
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