Google Privacy Policy: गूगल का इस्तेमाल आज के समय करोड़ों लोग करते हैं और करें भी क्यों गूगल ने हमारी जिंदगी आसान जो बना दी है. जो काम करने के लिए आज से कुछ साल पहले काफी समय खर्च होता था, वह आज कल मिनटों में हो जाता है. हालांकि गूगल यूज करने के बहुत सारे फायदे हैं लेकिन गूगल का इस्तेमाल करते वक्त कुछ लोग ऐसी गलतियां कर देते हैं. जिनका बहुत बड़ा खामियाजा भुगताना पड़ता है. इसलिए हमें इसका यूज करते वक्त काफी एहतियातन बरतने की जरूरत होती है. दरअसल हाल ही गूगल के द्वारा प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) में बदलाव किया है. इसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं.
ये गूगल की प्लानिंग
गूगल में पॉलिसी में ये बदलाव आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बढ़ती हुई जरूरत को देखते हुए लिया है. 1 जुलाई को लिए गए इस फैसले में गूगल ने कहा है कि अब कंपनी उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड प्रोडक्ट्स और सर्विस और बेहतर बनाने के लिए काम करने पर जोर देगी. जानकारों का मानना है कंपनी की कोशिश प्रतिद्वंदी के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट को टक्कर देने के लिए भी इसमें बदलाव किया है.
AI के लिए इस्तेमाल होगा यूजर्स का डेटा
प्राइवेसी पॉलिसी में अपडेट करके कंपनी ने साफ कर दिया है कि वह किस तरह के डेटा का इस्तेमाल करने वाला है. जो भी डेटा पब्लिक डोमेन में शामिल ऑनलाइन डेटा को सीधे या फिर दूसरे पब्लिक सोर्स के जरिए वो AI प्रोडेक्ट्स को ट्रेन करने के लिए किया जाएगा. बता दें जिन भी एआई सिस्टम पर कंपनी काम कर रही है. उनमें भी इसका फायदा देखने को मिल सकता है.
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चैट जीपीटी पर लगा डेटा चुराने का आरोप
गौरतलब है बीते दिनों चैट जीपीटी को बनाने वाली कंपनी ओपन एआई पर यूजर्स का डेटा चुराने का आरोप लगा था. इसके अलावा कहा गया है कि ये विकिपीडिया से भी डेटा चुरा रहा है. बता दें चैट जीपीटी एक चैट बोट है. जो हमारे द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब टेक्स्ट मे देता है.
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