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हवा और समुंद्र में राह दिखयेगा भारत का NavIC, जानिए इससे जुड़ी कुछ ख़ास बातें

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हवा और समुंद्र में राह दिखयेगा भारत का NavIC, जानिए इससे जुड़ी कुछ ख़ास बातें

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अभी हाल ही में 29 मई 2023 को इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गनइजेशन (ISRO ) ने श्रीहरिकोटा से अपने उन्नत नेविगेशन उपग्रह GSLV-F12 और NVS-01 को लॉन्च किया। यह भूस्थिर उपग्रह  (geostationary satellite) प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए एक नौवहन उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित किया गया। 

इसरो ने 2nd जनरेशन के  नौवहन उपग्रह श्रृंखला के लॉन्चिंग की योजना बनाई है, जो नाविक (NavIC) यानी भारत की स्वदेशी नौवहन प्रणाली सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करेगी। यह उपग्रह भारत और मुख्य भूमि के आसपास लगभग 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में अपनी  सेवाएं प्रदान करेगा।

#Image source PTI : ISRO successfully launches next-gen navigational satellite GSLV NVS-1 Navic

नाविक उपग्रह क्या होते हैं?

नाविक ( NAVIC) एक भारतीय क्षेत्रीय सेटेलाईट है। जिसका का फुल फॉर्म  “नेविगेशन विथ इंडियन कॉन्स्टेलशन” है। नेविगेशन विथ इंडियन कॉन्स्टेलशन एक  नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNSS) है,नाविक  सेटेलाईट (NavIC) एक खास तकनीक से बने उपग्रह होते हैं। ये उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किए जाने वाले सात उपग्रहों का एक समूह है, जो ग्राउंड स्टेशनों के साथ कनेक्ट होगा। इन उपग्रहों को खास तौर पर नागरिक उड्डयन, सशस्त्र बलों की ताकत मजबूत करने और नौवहन सेवाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है। 

परमाणु घड़ी ( Atomic Watch ):  

इस उपग्रह में रुबिडियम परमाणु घड़ी (Rubidium Atomic Clock) लगी है  जो भारत द्वारा विकसित एक महत्त्वपूर्ण तकनीक है। नेविगेशन तारामंडल में मौजूद कुछ उपग्रहों की परमाणु घड़ियों (एटॉमिक क्लॉक) ने इनके खराब होने के कारण स्थान का सटीक डेटा प्रदान करने की क्षमता खो दी है। जब घड़ियाँ खराब हो जाती हैं, तो उपग्रह सटीक स्थान की जानकारी नहीं दे सकता है। उपग्रह-आधारित पोज़िशनिंग प्रणाली स्थानों को निर्धारित करने हेतु परमाणु घड़ियों द्वारा सटीक समय मापन किया जाता है। 

जीपीएस डिवाइस में  होगा बेहतर L1 सिग्नल का उपयोग:  

नाविक  L5 और S फ्रीक्वेंसी सिग्नल के अलावा  तीसरा L1 सिग्नल भी भेजेगा, जिससे अन्य उपग्रह-आधारित नेविगेशन प्रणालियों के साथ इंटरकनेक्टिविटी और अधिक बढ़ेगी।

L1 फ्रीक्वेंसी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली फ्रीक्वेंसी में से एक है। यह वियरएवल डिवाइस में सिंगल-फ्रीक्वेंसी चिप्स का उपयोग करने वाले व्यक्तिगत ट्रैकर्स में क्षेत्रीय नेविगेशन सिस्टम के उपयोग को बढ़ाएगी।

कितना लंबा है नाविक मिशन :  

नाविक का मिशन  12 वर्ष से अधिक का होगा, जबकि देखा जाये मौजूदा सैटेलाइट  का मिशन काल 10 वर्ष है।

Shashank Tiwari
Shashank Tiwarihttps://bloggistan.com
Shashank Tiwari has completed his engineering (B.Tech) in Electronics & Communication. Currently working as Digital Marketing Trainer with Delhi Institute of Digital marketing and works on quantum Informatics universe ( IBM quantum Lab) .Specialize in Sci-fi Infotainment Scripts Writing. He is founder of digital content production Library Caffe. In Addition done the screenplay of Pie are Square, Secret of Sagar Mekhla, Lock - unlock 2020 ect. He has 8yrs + innovative digital marketing & Market Research experience form small startups to the world’s biggest brands in healthcare like Ortho Clinical Diagnostics (Ex Johnson & Johnson's), Horiba Medical Devices and Recorder and Medicare ,Koo Mobile Apps, Zepto mobile Apps.

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