Touching feet: किसी भी काम की शुरुआत करनी हो तो सबसे पहले हम बड़े बुजर्गों के आशीर्वाद से ही उसकी शुरुआत करते हैं. सनातन धर्म में पैर छूने की परंपरा बनाई गई है. फिर चाहे वो घर से निकलना हो, किसी काम की शुरुआत, हर शुभ काम की शुरुआत हम बड़े बुजर्गों के पैर छू कर(Touching feet of Elders) ही करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा आखिर ऐसा क्यों होता है. कैसे ये पैर छूने की रस्म बनी जो सदियों से चली आ रही है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऋषि-मुनियों द्वारा बनाई गई इस परंपरा के पीछे दरअसल साइंस छिपा हुआ है.
Touching feet: होती है शारीरिक कसरत
जब भी हम बड़े बुजुर्गों के पैर छूते हैं तो आगे की ओर झुकते हैं. इससे हमारे सिर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है.जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.इससे हमारे शरीर की कसरत भी होती है.
पैर छूने(Touching feet) से मिलती है पॉजिटिव एनर्जी
जब भी आप किसी के पैर छूते हैं तो आपके मन में विनम्रता का भाव आता है.जब हम किसी बड़े बुजुर्ग के पैर छूते हैं तो आशीर्वाद के तौर पर उनका हाथ हमारे सिर पर होता है. ऐसे में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह हमारे शरीर में होता है. पैर छूकर आशीर्वाद लेने से आयु, यश और बल की बढ़ोतरी होती है.
शरीर को कई फायदे
अगर साइंस के दृष्टिकोण से देखा जाए तो पैर छूने से आपके कमर दर्द, जोड़ों के दर्द और पैर दर्द में भी आराम मिलता है.जब आप पैर छूने से लिए झुकते हैं तो आपके पैर और कमर दोनों ही मुड़ते हैं. जिससे आपकी एक्सरसाइज भी होती है. इससे आपका शरीर फिट और फाइन रहता है.
बढ़ती है इच्छा शक्ति
बड़े बुजुर्गों के पैर छूने से हमारी विल पावर बढ़ती है. इसे मनोविज्ञान के नजरिए से देखा जाए तो जब भी हम किसी कामना को पूरा करने के लिए बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं. तो इसका सीधा मतलब ये होता है कि हम उस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए अपनी पूरी इच्छा शक्ति उसमें लगा देंगे. इससे आपके आत्मविश्वास को बल मिलता है.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.
ये भी पढ़ें:Black tomatoes Benefits: कैंसर और हार्टअटैक से पाना है निजात, तो आज से खाएं काला टमाटर