Symptoms of Diseases: स्वथ्य रहना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण आयाम होता है. हमारे शरीर का मानसिक और शारीरिक संतुलन खराब होने के साथ जीवन की कई गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है. किसी भी बीमारी से ग्रसित होने पर व्यक्ति बुरे तरीके से प्रभावित हो जाता है. लेकिन आज हम आपको कुछ बीमारियों,उनके शुरुआती लक्षण और उससे बचाव के उपाय के बारे में बताएंगे.
कैंसर के शुरुआती लक्षण और बचाव
कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस बीमारी से ग्रसित होने पर वजन में कमी, भूख में कमी, बुखार, खांसी, मुंह से खून, हड्डियों में तेज दर्द जैसी समस्या होने लगती है. यदि आपको शुरुआती के ऐसे कुछ भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कैंसर से बचाव के लिए पौष्टिक और आयरन युक्त आहार लेना चाहिए.
हार्ट के शुरुआती लक्षण और बचाव
हार्ट की समस्या उत्पन्न होने पर ग्रसित व्यक्ति को छाती दर्द, दम फूलना, पैरों में सूजन, चक्कर आना, शरीर में तेज दर्द, सीने में जकड़न जैसी समस्याएं होने लगती हैं. इससे बचाव के लिए ग्रसित व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने वाले आहार ग्रहण करने चाहिए. हार्ट से ग्रसित व्यक्ति को धूम्रपान और शराब के सेवन से परहेज करना चाहिए.
शुगर के शुरुआती लक्षण और उपाय
शुगर यानी डायबिटीज की समस्या होने पर व्यक्ति को अत्यधिक भूख लगने लगती है और उसका वजन कम होने लगता है. इसके साथ ही शरीर में तेज झनझनाहट, थकावट, कमजोरी और घाव के भरने में लंबा समय लग जाता है. रात में अधिक बार पेशाब आना भी शुगर की शुरुआती लक्षण होते हैं. इससे बचाव के लिए रोज सुबह व्यायाम और खान-पान पर नियंत्रण करना चाहिए.
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कुछ गंभीर बीमारियों के शुरुआती लक्षण
• टीवी: टीवी फेफड़ों को प्रभावित करने वाला एक रोग है. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति में खांसी, बुखार और छाती में तेज दर्द के साथ मुंह से खून आने की समस्या होने लगती है. इससे बचाव के लिए खान-पान पर नियंत्रण और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए.
• निमोनिया: निमोनिया फेफड़े को प्रभावित करने वाला एक रोग है जो छाती में तेज दर्द और सांस लेने की समस्या उत्पन्न करता है. इससे बचाव के लिए ठंडा खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए.
• प्लेग: प्लेग लिप ग्रंथियां को प्रभावित करने वाला एक रोग है. इससे ग्रसित व्यक्ति के शरीर में तेज दर्द, बुखार और गिल्टी की समस्या होने लगती है. इससे बचाव के लिए नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
• टाइफाइड: टाइफाइड आंख को प्रभावित करता है. इससे ग्रसित व्यक्ति में तेजी से बुखार पेट दर्द और बदहजमी की शिकायत होती है. इससे बचाव के लिए ग्रसित व्यक्ति को आराम करना चाहिए.
• थायराइड: इससे ग्रसित व्यक्ति की वृद्धि और अपाचे की गति को नियंत्रण मिलने लगती है जिससे शरीर फैलने लगता है. इससे बचाव के लिए ग्रसित व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह से अपने खून जांच कराने के बाद इलाज लेने चाहिए.
नोट: लेख में दी गई जानकारी की सटीकता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. लेकिन फिर भी इस पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. हमारा उद्देश्य आपको सिर्फ जानकारी उपलब्ध कराना है. Bloggistan इसकी नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेता.
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